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काले छातों के साथ टीएमसी का विरोध, लोकसभा स्थगित

शारदा चिटफंड घोटाले में सांसद सृंजॉय घोष की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और केंद्र सरकार के बीच बढ़ी तल्खी का असर संसद भी देखने को मिला। शीतकलीन सत्र के दूसरे दिन तृणमूल कांग्रेस के सांसद लोकसभा में काले छाते के साथ काले धन के मुद्दे पर विरोध जताने पहुंचे। नारेबाजी करते हुए टीएमसी सांसद वेल में पहुंच गए और सरकार के खिलाफ इस प्रदर्शन में उनके साथ लगभग पूरा विपक्ष आ गया। सरकार ने कहा है कि वह इस मसले पर चर्चा के लिए तैयार है।

हैदराबाद स्थित राजीव गांधी हवाईअड्डे का नाम बदले जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक एक बार के संक्षिप्त स्थगन के बाद दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित हो गई।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सांसदों के काले छाते लेकर सदन में आने पर नाराजगी जताई और हंगामे के बीच कार्यवाही को आगे बढ़ाने की कोशिश करती दिखीं। लेकिन, हंगामा और विरोधी सांसदों की नारेबाजी बढ़ने के बाद उन्होंने लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि काले छातों के साथ सदन के भीतर विरोध की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

बैठक शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, आरजेडी, एसपी, जेडी (यू) और ‘आप’ के सदस्य आसन के समक्ष आकर ‘काला धन वापस लाओ’ के नारे लगाने लगे। इनमें से तृणमूल के कुछ सदस्य छतरियां खोले खड़े थे। इन छतरियों पर भी लिखा था ‘काला धन वापस लाओ’। ये सदस्य इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जवाब की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। विपक्ष द्वारा यह मांग किए जाने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में उपस्थित नहीं थे।

हंगामे के दौरान विपक्ष की बेंचों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठे समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह भी खड़े होकर कुछ कहते नजर आए। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों के विरोध के इस तरीके पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि हर रोज इस प्रकार के नए तरीके खोज लेना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सदस्य छतरियां बंद करें और उनका यह व्यवहार कतई उचित नहीं है।

अध्यक्ष ने विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और दो प्रश्न भी लिए। लेकिन, भारी नारेबाजी की वजह से प्रश्नकर्ता सदस्यों के पूरक प्रश्न और मंत्रियों द्वारा दिए गए जवाब सुने नहीं जा सके। हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने बैठक करीब 20 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने संसद भवन के मुख्य द्वार पर भी इस विषय को लेकर भारी हंगामा किया। तृणमूल सदस्यों ने संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। पार्टी के दिनेश त्रिवेदी, काकोली घोष दस्तीदार सहित उसके अनेक सांसद ‘मोदी तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘काल धन वापस लाओ’ के नारे लगा रहे थे।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही ऊपरी सदन में भी टीएमसी के सांसदों ने इस मुद्दे पर हंगामा किया। बीएसपी की मुखिया मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 100 दिनों के भीतर ब्लैक मनी लाने और उसे गरीबों के बीच बांटने का वादा किया था, लेकिन यह पूरा नहीं किया गया है। राज्यसभा में बीमा संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई और प्रवर समिति के लिए रिपोर्ट पेश करने की समयसीमा 28 नवंबर से बढ़ाकर 12 दिसंबर कर दी गई।

NCR Khabar News Desk

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