सोशल मीडिया से

मुद्दा मनोज पंडित के साथ

दंगे और हिंसा दोनों ही इंसानियत की दुश्मन है रूह काप उठती है जब याद आते है गुजरात , मुज्ज़फर नगर , कोसी , और त्रिलोकपुरी के दंगे
सवाब ये है की फायदा किसी का भी हो, गलती किसी की भी हो, पर मरता और नुकसान तो इंसानों का ही है जान माल ख़ाक हो जाता है हम लोगो की छोटी सी बेवकूफी की वजह से ,
सोचना ये है की हम लोग कब तक आखिर कब तक आपस मै दुसरे के छलावे मै आकर आपस मै लड़ते रहेगे और लोगो को दंगे करने को उकसाने और बढावा देते रहेंगे , वैसे सब कहते है जनता समझदार है कहा जाती है समझदारी उस समय ?

दंगो मै कभी किसी नेता को मरते देखा है , सोचना ये है आम आदमी ही क्यों मरता है ?
क्या हम इतने कमजोर है की किसी के भड़काऊ भाषण से भड़क जाते है और बहा देते है खून अपने ही भाइयो का क्यों ?


एक सवाल पूछता हूँ मै मनोज पंडित आपसे ऐसा कोन सा घर है परिवार है जहा कभी आपसी लड़ाई न हुई हो ? तो हिन्दू मुस्लिम होने पर अलग से बर्ताव क्यों ?

सभी जानते है की हम लोगो हमेशा एक छत के निचे , एक घर मै अर्थात एक देश एक शहर , एक गली , एक मोहोल्ले मै रहना है तो हिन्दू मुस्लिम क्यों अपने आप को अलग अलग समझते है हम लोग एक धरती माँ की संतान है ये जानते हुए भी अनजान बने हुए है क्यों ?

लोगों को परस्पर लड़ने से रोकने के लिए वर्ग-चेतना की जरूरत है। गरीब, मेहनतकशों व किसानों को स्पष्ट समझा देना चाहिए कि तुम्हारे असली दुश्मन पूँजीपति और कुछ नेता हैं। इसलिए तुम्हें इनके हथकंडों से बचकर रहना चाहिए और इनके हत्थे चढ़ कुछ न करना चाहिए। संसार के सभी गरीबों के, चाहे वे किसी भी जाति, रंग, धर्म या राष्ट्र के हों, अधिकार एक ही हैं। तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम धर्म, रंग, नस्ल और राष्ट्रीयता व देश के भेदभाव मिटाकर एकजुट हो जाओ और सरकार की ताकत अपने हाथों मंे लेने का प्रयत्न करो।

इस समय कुछ भारतीय नेता भी मैदान में उतरे हैं जो धर्म को राजनीति से अलग करना चाहते हैं। झगड़ा मिटाने का यह भी एक सुन्दर इलाज है और हम इसका समर्थन करते हैं।

यहाँ तो किसी ने हिन्दूवाद फैलाया है किसी ने दलितवाद फैलाया है, मुलायम सिंह ने गुण्डावाद फैलाया है। साफ सुथरी होनी चाहिए। न हिन्दूवाद हो न मुस्लिमवाद हो।

मेरा तो साफ कहना है कि आवाम को इससे कुछ लेना देना नहीं है। दरअसल पूँजीपति, नेता अपने लाभ के लिए व्यवसाय , राजनिति में फायदे के लिए करवाते हैं। एक बार दंगा हुआ माल को गोदाम में जमा किया और बाद में लाभ ही लाभ। हफ्ते में करोड़ो के माल बना लेते हैं।
दंगे?
पूँजीपतियों के खेल हैं।
लड़ाई तो आवाम लड़ता है आपस में?
वह बिल्कुल नहीं लड़ना चाहता लेकिन उन्हें भरमा के किसी को कुछ पैसे देके या दारू पिला के दंगों में झौंक दिया जाता है।

जिस इलाके में आप लोग रहते होगे जहाँ मुस्लिम आबादी है।
तो क्या आपको या आपके परिवार को कोई परेशानी होती है?
कोई परेशानी नहीं होती है। हम लोग मिल जुल के रहते हैं। हमारे कई मुस्लिम दोस्त हैं जो हमारे सुख-दुख में हमारे साथ खड़े रहने के लिये तैयार रहते हैं।


अब समय आ गया है कंधे से कंधे मिलकर देश के दुश्मनो से लड़ने का, देश को फिर से सोने की चिड़िया बनाने का !

मनोज पंडित

NCR Khabar Internet Desk

एनसीआर खबर दिल्ली एनसीआर का प्रतिष्ठित हिंदी समाचार वेब साइट है। एनसीआर खबर में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। अपने कॉर्पोरेट सोशल इवैंट की लाइव कवरेज के लिए हमे 9711744045 / 9654531723 पर व्हाट्सएप करें I हमारे लेख/समाचार ऐसे ही आपको मिलते रहे इसके लिए अपने अखबार के बराबर मासिक/वार्षिक मूल्य हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये दे सकते है और उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे

Related Articles

Back to top button