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पुष्पक एक्सप्रेस के तत्काल का किराया फ्लाइट से महंगा

लखनऊ। लखनऊ तथा मुंबई के बीच चलने वाली पुष्पक एक्सप्रेस में तत्काल का टिकट लेकर सफर करने वाले यात्रियों को फ्लाइट के किराए से ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। आरक्षण के बाद बची बर्थ पर डायनेमिक फेयर लागू होते ही किराया आसमान छूने लगता है।

वर्तमान में पुष्पक एक्सप्रेस में लखनऊ से मुंबई तक स्लीपर क्लास का सामान्य किराया 605 रुपया है। इसमें तत्काल का टिकट 775 रुपये का है। बची हुई बर्थ जिन पर डायनेमिक फेयर लागू होगा उसका किराया अधिकतम 2,325 रुपये होगा। यानी स्लीपर का किराया इससे ऊपर नहीं जाएगा। इसी तरह थर्ड एसी का सामान्य किराया 1585 रुपये, तत्काल का 1950 और डायनेमिक फेयर वाला अधिकतम किराया 5,850 और सेकेंड एसी में 2,295 रुपये, तत्काल का 2,710 और डायनेमिक फेयर का अधिकतम किराया 8,130 रुपये है। रेलवे बोर्ड अफसरों के मुताबिक जिन ट्रेनों के तत्काल में डायनेमिक प्रणाली लागू की गई है उसके तत्काल के तीन गुना किराया ही डायनेमिक फेयर के रूप में लिया जाएगा। अंदाजा लगाया जा सकता है कि विमान से लखनऊ से मुंबई का आम दिनों में किराया पांच से सात हजार के बीच में होता है। विमान से यात्री चौबीस घंटे का सफर चंद घटे में पूरा करेगा। रेलवे के इस प्रयोग से डायनेमिक फेयर वाली तत्काल श्रेणी की सीटें सिर्फ त्योहारों में ही भर सकती है आम दिनों में खाली रहेंगी।

आधी हो गई पुष्पक एक्सप्रेस की सीटें

श्रेणी पहले अब बची

स्लीपर 280 140

3 एसी 32 16

2 एसी 16 8

डायनमिक फेयर वाली उत्तर रेलवे की पांच ट्रेनें

-सप्तक्रांति एक्सप्रेस

-स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस

-वैशाली एक्सप्रेस

-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस

-अगस्त क्रांति एक्सप्रेस

पूर्वोत्तर रेलवे की पांच ट्रेनें

-पुष्पक एक्सप्रेस

– कुशीनगर एक्सप्रेस

– गोरखपुर लोक मान्य तिलक

– सादर एक्सप्रेस

– गोरखधाम एक्सप्रेस

पचास फीसद सीटों पर तत्काल पर डायनेमिक फेयर

दीपावली व छठ से पहले रेलवे ने एक बार फिर यात्रियों की जेब पर बोझा डाल दिया है। यह बोझा तत्काल की उन सीटों पर डाला गया है जिसके लिए मारामारी चौबीस घंटे पहले होती है। जी हां अब तत्काल की पचास फीसद सीटें बुक होने के बाद आगे की सीट बुक करवाने वाले यात्रियों को डायनेमिक फेयर प्रणाली से गुजरना होगा। यह व्यवस्था भारतीय रेलवे के सभी जोनों में तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। उत्तर रेलवे व पूर्वोत्तर रेलवे ने पहले चरण में पांच-पांच ट्रेनों को इसके लिए चुना है। शुरू में यह योजना चुनिंदा ट्रेनों में लागू की गई है। रेलवे बोर्ड ने रेलवे को घाटे से उबारने के लिए यह छोटा सा प्रयोग शुरू किया है। बोर्ड में बैठे अफसरों की मंशा है कि अगर यह व्यवस्था सभी जोनों के मंडल से गुजरने वाली अधिकांश ट्रेनों में लागू कर दी जाए तो इससे रेलवे को प्रति वर्ष कई हजार करोड़ का मुनाफा होगा। इसे तुरंत सभी ट्रेनों में लागू करने के बजाए रेलवे ने उन सोलह जोनों को चुना जहां से ट्रेनों का संचालन होता है। फिर संबंधित अफसरों ने अपने जोन में चलने वाली पांच-पांच ट्रेनों का ब्योरा दिया है। इनमें यह व्यवस्था तत्काल लागू कर दी गई है। यानी 6 अक्टूबर का तत्काल टिकट कराने वाले यात्री को इस व्यवस्था से गुजरना होगा। हालांकि इन ट्रेनों में लखनऊ से चलने वाली उत्तर रेलवे से कोई नहीं है जबकि पूर्वोत्तर रेलवे से पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन सहित कई चुनी गई हैं।

पुष्पक एक्सप्रेस में यह व्यवस्था लागू होने से रेलवे को सबसे ज्यादा लाभ होगा। यह ट्रेन मुंबई जाने वाले यात्रियों की सबसे पसंदीदा ट्रेन है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि ट्रेन की सभी उन श्रेणियों में यह व्यवस्था लागू है, जिसमें तत्काल की बर्थ उपलब्ध हैं।

NCR Khabar News Desk

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