अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान ‘नीलोफर’ और प्रचंड हो गया है। इसके 31 अक्तूबर को गुजरात के कच्छ जिले के नलिया गांव के नजदीक टकराने की संभावना जताई जा रही है। नीलोफर चक्रवात से इलाके में भारी बारिश हो सकती है। गुजरात के तटीय इलाकों में अलर्ट घोषित किया गया है।
वहीं दूसरी ओर सोमवार को दिल्ली में केंद्र सरकार ने राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों की समीक्षा की और राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मौसम विभाग का कहना है कि नीलोफर अब प्रचंड चक्रवाती तूफान में बदल गया है और चक्रवात के चलते कच्छ और सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में तेज हवा के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
अधिकारियों का कहना है कि गुजरात सरकार चक्रवात से उत्पन्न होने वाले सभी चुनौतियों से निपटने को पूरी तरह से तैयार है। नीलोफर से पहले आंध्र प्रदेश और ओडिशा में हुदहुद चक्रवाती तूफान आया था, जिससे आंध्र में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा।
मौसम विभाग का कहना है कि नीलोफर तूफान अभी पश्चिम मध्य अरब सागर में स्थित है। यह नलिया गांव के दक्षिण पश्चिम से करीब 1170 किमी, कच्छ के दक्षिण-दक्षिणपश्चिम से 1230 किमी और ओमान के पूर्व-दक्षिणपूर्व से 880 किमी दूर है।
इसके अगले 24 घंटे में उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही 31 अक्तूबर की सुबह इसके नलिया गांव से टकराने की संभावना है। हालांकि गुजरात के तट तक आते आते इसके कमजोर होने की बात कही जा रही है। सभी बंदरगाहों को अलर्ट जारी किया गया है।
इस बीच केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिव अजीत सेठ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक हुई, जिसमें गुजरात के तटीय इलाकों में राहत और बचाव कार्य की तैयारियों की समीक्षा की गई।
सेठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के मुख्य सचिव से तैयारियों की जानकारी ली। इसके अलावा राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया।