दूरदर्शन पर भागवत का भाषण विवाद

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के विजयदशमी भाषण को दूरदर्शन पर दिखाए जाने पर विवाद शुरु हो गया है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण का समर्थन किया है वहीं कांग्रेस और वामपंथी दलों ने इसे सरकारी चैनल का दुरुपयोग करार दिया है।
भाषण के सीधे प्रसारण की हिमायत करते हुए सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि लोग आरएसएस प्रमुख को सुनना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “सवाल तो ये उठना चाहिए कि अब तक इस वार्षिक कार्यक्रम को क्यों नहीं दिखाया जाता था।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कहा है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपने भाषण में सामाजिक सुधारों के जो मुद्दे उठाए हैं वो आज भी प्रासंगिक हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने निजी ट्विटर अकाउंट पर भागवत के भाषण का लिंक भी सांझा किया है। संघ प्रमुख ने अपने भाषण में केरल में जिहादी गतिविधियों और गोरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों का ज़िक्र किया था।
कांग्रेस के प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने दूरदर्शन पर भागवत का एक घंटा लंबा भाषण लाइव दिखाने को खतरनाक परंपरा की शुरुआत करार दिय। दूसरी तरफ सीपीएम पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा, ‘आरएसएस इस अवसर का इस्तेमाल अपनी हिन्दुत्व की विचारधारा को फैलाने के लिए करती है। राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक को आरएसएस जैसे संगठन के प्रमुख के भाषण को सीधा प्रसारित नहीं करना चाहिए था।’
पार्टी ने दूरदर्शन के निर्णय की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई जाहिर करती है कि मोदी सरकार द्वारा सार्वजनिक प्रसारक का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी भागवत के भाषण को सीधा प्रसारित किए जाने की निंदा की और कहा कि यह सरकारी प्रसारक का दुरुपयोग है। वहीं समाजवादी पार्टी ने इस पर कहा कि दूरदर्शन पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भाषण दिखाया जाना खतरनाक प्रवृत्ति है। पार्टी ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।