काले धन के मुद्दे कांग्रेस नेताओं पर जांच की आंच आने से सरकार और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच टकराव बढ़ गया है।
कांग्रेस नेताओं के घिरने से पार्टी संकट में फंस गई है। साथ ही पार्टी ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि काले धन के मुद्दे पर अगर सरकार वाकई दूध की धुली है तो कुछ चुनिंदा लोगों और खासकर अपने विरोधियों के नामों को उछालकर राजनीतिक दांव क्यों खेल रही है।
उधर, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अमृतसर से सांसद अमरिंदर सिंह की पत्नी व पूर्व विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर विदेश में अपना खाता या काला धन होने की बात को सिरे से नकारा है। हालांकि कौर ने 2011 में आयकर विभाग का नोटिस मिलने की बात कबूली है।
कांग्रेस ने सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाते हुए अपना बचाव किया है। पार्टी ने सरकार को सभी नामों का खुलासा करने की फिर चुनौती दी है।
परनीत कौर के अलावा महाराष्ट्र के बड़े कांग्रेसी नेता के बेटे और पत्नी के स्विस बैंक में खाता होने की बात राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
ऐसे में पूर्व मंत्री नारायण राणे का परिवार सवालों के घेरे में है। संकेत हैं कि राणे के बेटे और पत्नी के कथित विदेशी खाते की जांच चल रही है। जबकि उत्तर प्रदेश से एक पूर्व कांग्रेस सांसद के भी विदेश में काला धन होने की जांच की बात सरकार के भीतर से आ रही है।
कांग्रेस ने बचाव में कहा है कि एनडीए सरकार मीडिया में रोज एक नाम जारी कर इस मामले को सनसनीखेज बनाना चाहती है, ताकि अपनी गलती और झूठ को छिपाया जाए।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले काले धन में शामिल जिन नामों की बात की थी, आखिर वे लोग कौन हैं? सरकार क्यों चुप है? सिंघवी ने कहा कि क्या देश में 55 रुपये का काला धन भी वापस आ पाया है?