एक तरफ योगी के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की मांग जोर पकड़ रही है, तो दूसरी ओर आदित्यनाथ चुनावी जनसभा के लिए सियासी मैदान में उतर गए हैं।
बुधवार को सुबह से ही लखनऊ के मुंशी पुलिया पर योगी आदित्यनाथ की जनसभा को लेकर तनाव बना रहा। प्रशासन की इजाजत न मिलने से भाजपाई नाराज थे और ये ऐलान भी कर दिया था कि योगी किसी भी हाल में जनसभा को संबोधित करेंगे।
माहौल गर्म होता रहा और शाम तक भारी पुलिस बल और पीएसी भी तैनात कर दी गई।
बवाल के बीच, योगी को सुनने के लिए सैलाब उमड़ पड़ा और लखनऊ की सबसे व्यस्त मानी जाने वाली पूरी रिंग रोड जाम हो गई। भाजपाइयों ने जीत की खुशी में नारेबाजी भी शुरू कर दी और भाजपा नेता लालजी टंडन भी सभा स्थल पर पहुंच गए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों को दंगाई बताकर जेल में डालती है और वास्तविक दंगाइयों को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने हाथों से सम्मानित करते हैं।
हमें सांप्रदायिक कहने वाले खुद ही एक वर्ग को संतुष्ट करने में लगे हुए हैं। प्रदेश में अब लोकतंत्र को भी बचाना है। इसलिए उपचुनाव में जनता हर सीट पर भाजपा को जीत दिलाएगी। इसके साथ ही सपा सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।
मुंशी पुलिया पर पार्टी प्रत्याशी आशुतोष टंडन ऊर्फ गोपाल टंडन के समर्थन में आयोजित सभा में योगी आदित्यनाथ प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे।
उन्होंने कहा, निघासन, ठाकुरद्वारा, मैनपुरी और लखनऊ में मेरी जनसभा थी, मगर एक-एक कर चारों जगह पर सभा करने पर मनाही कर दी गई। आखिरकार मैंने तय किया कि इस अन्याय के खिलाफ लखनऊ में जनसभा जरूर करूंगा।