ओबामा प्रशासन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान होता नजर आ रहा है। अमेरिकी सरकार इस महीने के अंत में उस इंसान के लिए रेड कारपेट बिछाने की तैयारी में लगी है, जिसको वह लगभग एक दशक तक वीजा देने से इनकार करती रही थी। दो दिन तक चलने वाली इस मेहमानवाजी में भारतीय पीएम और अमेरिकी प्रेजिडेंट के बीच एक प्राइवेट डिनर भी शामिल है। इस मुलाकात के बारे में सबसे अहम बात यह है कि इस दौरान मोदी यूएस के स्टेट गेस्ट नहीं होंगे। और, ऐसा शायद पहली बार हो रहा है जब कोई विदेशी नेता बिना स्टेट गेस्ट बने दो दिन तक वाइट हाउस की मेहमानवाजी का लुत्फ उठाए।
मोदी अपनी यात्रा के दौरान ब्लेयर हाउस में ठहरेंगे, जो कि वाइट हाउस के पास ही है। ब्लेयर हाउस में आमतौर पर स्टेट गेस्ट्स ही ठहरते हैं, जो कि अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर होते हैं। ब्लेयर हाउस में विदेशी नेताओं का ठहरना अमेरिका से प्रगाढ़ रिश्तों का सिग्नल माना जाता है।
वाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने सोमवार को एक औपचारिक घोषणा में कहा, ‘प्रेजिडेंट बराक ओबामा 29-30 सितंबर को वाइट हाउस में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।’
अर्नेस्ट ने कहा, ‘दोनों नेता अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने और इसे प्रगाढ़ बनाने के क्रम में परस्पर हितों के व्यापक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘वे आर्थिक विकास को गति देने, सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने तथा दोनों देशों और दुनिया के लंबे समय तक फायदा देने से जुड़ी गतिविधियों में सहयोग के उपायों पर चर्चा करेंगे।’
वाइट हाउस के इस अधिकारी ने कहा, ‘वे अफगानिस्तान, सीरिया एवं इराक के मौजूदा घटनाक्रम सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जहां भारत और अमेरिका पॉजिटिव नतीजे की दिशा में साझेदारों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।’ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता कैटलीन हैडन ने कहा, ‘इस महीने के आखिर में हो रही प्रधानमंत्री की यात्रा के संबंध में हम और ब्यौरा मुहैया कराएंगे, लेकिन सच यही है कि 2 दिन होने वाली यह बातचीत, अमेरिका-भारत संबंधों को हमारे द्वारा दिए जा रहे महत्व की तरफ इशारा कर रही है।’