जवानों के साथ दिवाली मनाने सियाचीन पहुंचे मोदी

कई दिनों से प्रस्तावित कश्मीर दौरे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह ही सियाचिन के लिए रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ने ट्वीट करके कहा है कि जवानों से मिलना मेरे लिए फक्र की बात है। साथ ही उन्होने लिखा कि जवानों को भी पता होना चाहिए कि सारा देश उनके साथ है।
प्रधानमंत्री मोदी सियाचिन से लौटते वक्त बाढ़ से बर्बाद कश्मीर के पीड़ितों से भी मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर की अवाम को ये बताना चाहते है कि दुख की इस घड़ी में वो अकेले नहीं हैं। प्रधानमंत्री की कोशिश है कि वो सीधे उन लोगों तक पहुंच सकें जिन्हें बाढ़ ने तबाह कर दिया है। जिनका घर बार बर्बाद हो चुका है।
कश्मीर में बाढ़ से बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ है। ऐसे में दीवाली फीकी है। प्रधानमंत्री कश्मीर में दीवाली मनाने आ रहे है। यह उनका अपना नजरिया है। अच्छा होता ईद पर भी प्रधानमंत्री कश्मीर में पहुंचते।
प्रधानमंत्री की यात्रा पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। पीडीपी का कहना है कि बेहतर होता कि मोदी ईद पर आंसू पोछने यहां आए होते। तो विपक्ष कहीं ना कहीं इसे जम्मू-कश्मीर में जल्दी ही होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोड़ कर देख रहा है। मसला चाहे जो भी हो, लेकिन दिवाली पर दर्द में डूबे देश के हिस्से में प्रधानमंत्री की ये यात्रा वहां के बहुत से लोगों को सकून भी पहुंचा रहा है।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता डा. मुस्तफा कमाल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में किसी भी जगह कभी भी आ जा सकते है। उनका कहना है कि कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों के साथ प्रधानमंत्री के दीवाली मनाने का फैसला स्वागत योग्य है। उनका कहना है कि यहां तक नेशनल कांफ्रेंस का सवाल है तो पार्टी को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों को दीवाली को तोहफा देंगे।
प्रधानमंत्री को 44000 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा करनी चाहिए जिसकी की राज्य सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान के बाद राहत और पुनर्वास के लिए केंद्र से सिफारिश की हुई है। उनका कहना है कि कश्मीर के साथ साथ प्रधानमंत्री को सीमांत इलाकों का दौरा भी करना चाहिए यहां पर पाकिस्तान की गोलाबारी की वजह से हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा है।