पर्थला गांव की जमीन को सेक्टर 121 में बता प्रथम हाइट्स-आठ नामक सस्ते आवासीय प्रोजेक्ट का झांसा देकर लोगों के लाखों रुपये हड़पकर फरार हुए प्रथम बिल्डर मनोज गुप्ता की तलाश पुलिस ने तेज कर दी है। जल्द उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नोएडा में बेहद सस्ते फ्लैट का सपना दिखाकर प्रथम बिल्डर ने करीब डेढ़ सौ लोगों को चूना लगाया है। महीनों से जारी आवासीय प्रोजेक्ट पर पुलिस और प्राधिकरण की इतने दिनों बाद हुई कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है। निवेशक मान रहे हैं कि बिना मिलीभगत के बिल्डर ठगी का खेल नहीं खेल सकता।
प्रथम बिल्डर ने कुछ माह पूर्व ही सेक्टर 121 में सस्ता आवासीय प्रोजेक्ट लाने की घोषणा की थी। प्रथम हाइट्स-आठ नाम से लांच किए गए इस प्रोजेक्ट में बिल्डर ने महज 9.88 लाख रुपये कीमत में एक कमरे का फ्लैट देने प्रस्ताव दिया था। इस प्रोजेक्ट का जमकर प्रचार प्रसार भी किया जा रहा था। जिसे देखकर लोगों ने उसमें निवेश करना शुरू किया। प्रोजेक्ट के बारे में सुनकर दूर दूर से लोग यहां बुकिंग के लिए आ रहे थे।
बुधवार को प्राधिकरण दस्ते ने जब मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल करवाई तो पता चला बिल्डर जिस जमीन को सेक्टर 121 में होना बता रहा था वह दरअसल पर्थला गांव के खसरा संख्या 118 की जमीन है। यह 2000 वर्ग मीटर जमीन प्राधिकरण की है। जिसके बाद पुलिस ने वहां खनन करते आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। मौके से खनन के काम में लगी मशीनों को भी जब्त कर लिया गया।
जांच में पता चला कि बिल्डर ने खनन का ठेका बहलोलपुर गांव पिंटू यादव को दे रखा था। प्राधिकरण के निरीक्षक एसपी सिंह की शिकायत पर प्रथम बिल्डर के मालिक मनोज गुप्ता तथा पिंटू के खिलाफ सेक्टर 58 कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मौके से विवरणिका भी जब्त कर ली है। इसमें प्रोजेक्ट की जमीन को सेक्टर 121 में बताया गया है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
पूरे मामले में कार्रवाई में देरी को लेकर पुलिस और प्राधिकरण पर भी सवाल उठ रहे हैं। शहर में छोटा सा भी अवैध निर्माण या अतिक्रमण होने पर प्राधिकरण का दस्ता तत्काल मौके पर पहुंच जाता है मगर, खुद की जमीन पर हो रही फ्लैटों की बुकिंग पर उसका ध्यान न जाना चौंकाता है। खनन व सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
अन्य प्रोजेक्टों पर भी सवाल
प्राधिकरण अधिकारियों के अनुसार शहर में कई अन्य सेक्टरों में भी प्रथम बिल्डर के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इस फर्जीवाड़े के पकड़ में आने के बाद अधिकारी बिल्डर के दूसरे प्रोजेक्ट पर भी नजर बनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि उनमें भी खेल हो सकता है।
पहले भी आ चुके हैं फर्जीवाड़े
अभी एक माह पहले राजपूत बिल्डर के मालिक सुनील कुमार राजपूत को पकड़ा गया था। उस पर नोएडा एक्सटेंशन सेक्टर एक में हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों से 12 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप था। जांच में पता चला कि नोएडा प्राधिकरण ने राजपूत बिल्डर को जमीन ही आवंटित नहीं की थी।
जल्द कर लिया जाएगा गिरफ्तार
प्रथम बिल्डर के मालिक मनोज गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज है। उसके सहयोगियों को पकड़ा जा चुका है। पुलिस टीमें मनोज की गिरफ्तारी के लिए संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं। जल्द ही उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
– विश्वजीत श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी नोएडा।