लद्दाख के चुमार सेक्टर में बीते दिनों हुई चीनी घुसपैठ के बाद हालात पर चर्चा के लिए भारत और चीन एक तरफ फ्लैग मीटिंग कर रहे थे, तो दूसरी तरफ चीन के सैनिकों ने चुमार इलाके में फिर से घुसपैठ की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कुछ चीनी सैनिक मंगलवार को लौट गए थे और आमतौर पर यह संभावना थी कि बाकी सैनिक भी वापस चले जाएंगे। लेकिन, सूत्रों ने कहा कि चीन की पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) के करीब 100 जवान चुमार इलाके में आए और अब उनकी संख्या बढ़कर करीब 350 हो चुकी है।
हैरत की बात यह है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत आने से कुछ घंटे पहले चीनी सैनिकों ने यह हरकत की। सूत्रों ने बताया कि भारत ने भी इलाके में कुछ और सैनिक रवाना कर दिए हैं और दोनों पक्ष बैनर-ड्रिल में लगे हुए हैं।
इस बीच, भारत और चीन ने लद्दाख के चुमार सेक्टर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को फ्लैग मीटिंग की। चुमार सेक्टर में दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के आमने-सामने हैं। सेना के सूत्रों ने बताया कि चुसुल में सैन्य प्रहरी भेंट स्थल पर ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई, जहां डेमचक इलाके में चीनी नागरिकों द्वारा अतिक्रमण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा समझा जाता है कि फ्लैग मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकला और दोनों पक्ष जल्द ही फिर से बैठक कर सकते हैं।
यहां आपको बता दें कि लेह के पूर्वोत्तर में 300 से ज्यादा किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुमार में दोनों देशों के बीच अक्सर टकराव की स्थिति बनती रही है। उस इलाके में भारत के वर्चस्व को खत्म करने के लिए चीन ने कई दफा कोशिशें कीं हैं। सूत्रों ने कहा कि चीन की तरफ गाड़ियों की आवाजाही देखी गई और ऐसा माना जा रहा है कि चीन की पीएलए अपनी तरफ किए जा रहे निर्माण कार्य से भारत का ध्यान भटकाने की खातिर यह चाल चल रही है।
इस बीच, डेमचक में टकराव के हालात बने हुए हैं, जहां चीनी खानाबदोश जनजाति ने अपने तंबू गाड़ दिए थे। इस इलाके में भारतीय सीमा के 500 मीटर भीतर तक घुसपैठ की गई है।