
बेंगलौर की एक विशेष अदालत ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को आय से अधिक मामले में दोषी करार दिया है। अभी भी इस मामले में कोर्ट के अंदर बहस चल रही है।
तीन बजे इस मामले आज तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को सजा सुनाई जा सकती है। फैसला आने के बाद जयललिता को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है।
जयललिता के ऊपर 18 साल पहले आय से अधिक संपत्ति के मामलों में एफ़आईआर दर्ज की गई थी। यह मामला तब दर्ज हुआ था जब वो पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं। अब वो तीसरी बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री हैं।
लोकसभा में उनकी पार्टी के 37 सदस्य हैं। यह मुक़दमा अपने मुख्य आरोपों से ज़्यादा इस बात पर चर्चा में रहा कि इसे कैसे और कहाँ चलाया जाए।
जयललिता भ्रष्टाचार के मामले में पहले भी एक बार पद से इस्तीफ़ा देने को मजबूर हो चुकी हैं। इस मुक़दमे का फ़ैसला जयललिता ही नहीं उनके विरोधियों के भाग्य का भी फ़ैसला करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक फैसला आने के बाद जयललिता को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। साथ ही अगर तीन साल से ज्यादा की सजा होती है। तो उन्हें जेल जाना होगा फिर इस मामले में जमानत नहीं मिल पाएगी। वहीं तीन साल से कम सजा होने पर जयललिता को तुरंत जमानत मिल सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले ऐसे ही भ्रष्टाचार के मामले पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी भी दोषी ठहराया जा चुका है।
आय से अधिक संपत्ति का मामला 18 साल पहले दायर किया गया था। साल 1991 में मुख्यमंत्री बनने के बाद जयललिता ने तीन करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी।
मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने बस एक रुपए महीना वेतन पर काम किया। उनके ख़िलाफ़ आरोप यह है की उनके पास उनके कार्यकाल की समाप्ति तक 66.6 करोड़ रुपए की संपत्ति कैसे हो गई।