कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और राशिद अल्वी ने मंगलवार को कहा कि वह पार्टी के उस आदेश की खिलाफत करेंगे, जिसमें कहा गया है कि केवल पार्टी प्रवक्ता ही विभिन्न मसलों पर मीडिया में अपनी राय रखेंगे। इन दोनों नेताओं का कहना है कि वे अपने विचार रखना जारी रखेंगे।
वहीं पार्टी के प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि यह कोई ‘चुप्पी का आदेश’ नहीं है बल्कि इसमें यह कहा गया है कि पार्टी की तरफ से कोई भी बयान सिर्फ पार्टी प्रवक्ता ही दे सकेंगे। कांग्रेस कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के चेयरमैन अजय माकन ने पार्टी के 5 वरिष्ठ प्रवक्ताओं के साथ-साथ 13 अन्य प्रवक्ताओं की लिस्ट ट्विटर पर जारी की। उन्होंने कहा, ‘सिर्फ इस लिस्ट में शामिल प्रवक्ता ही पार्टी की तरफ से बोलने के लिए अधिकृत हैं।’
कील अहमद बराबर इस बात से इंकार करते रहे हैं कि पार्टी का यह आदेश किसी खास नेता के खिलाफ है, लेकिन पार्टी में चल रही चर्चाओं पर यकीन करें तो इस सारी कवायद का निशाना पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी और पार्टी के पूर्व प्रवक्ता राशिद अल्वी ही थे। पिछले दिनों इन दोनों नेताओं ने कुछ मसलों पर पार्टी के आधिकारिक नजरिए से हटकर बयान दिए थे। वहीं यह भी चर्चा है कि पार्टी के युवा नेताओं के बीच भी मीडिया स्पेस को लेकर खींचतान चल रही है।
शकील अहमद ने कहा, ‘पार्टी में 18 प्रवक्ता हैं। पार्टी के चेयरमैन की मीडिया से यह विनती है कि उनसे किसी भी मसले पर पार्टी की राय पूछें। यह किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है।’ यह पूछे जाने पर कि यदि राहुल गांधी मीडिया से बात करें तो क्या करना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और सोनिया गांधी अध्यक्ष। वह जो भी कहेंगे वह पार्टी का स्टैंड होगा और यही बात मैं आपसे बताना चाहता हूं।’
यह पूछे जाने पर की पार्टी के महासचिवों की पार्टी से बातचीत पर उनका क्या कहना है, अहमद ने कहा कि वे अपने राज्य से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रख सकते हैं। पार्टी की गतिविधियों और उसके आधिकारिक रुख के बारे में पार्टी प्रवक्ताओं द्वारा जानकारी दी जाएगी।