नई दिल्ली, विदेशी जासूसी और साइबर सेंधमारी को लेकर उठे विवादों के बीच राजग सरकार ने अपने आला मंत्रियों की फोन बातचीत को फूलप्रूफ बनाने के इंतजाम कर लिए हैं। सरकार के आला मंत्रियों, महत्वपूर्ण संवैधानिक पदाधिकारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से जुड़े अफसरों के यहां नए और अधिक सुरक्षित तकनीक वाले रेक्स फोन लगाए जा रहे हैं। ऐसी हिदायतें भी दी गई हैं कि संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा के लिए रेक्स लाइनों का ही इस्तेमाल किया जाए।
यूं तो प्रधानमंत्री समेत देश के आला ओहदेदारों और सेना प्रमुखों सहित राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली से जुड़े अहम सरकारी अधिकारियों के सुरक्षित संवाद के लिए रेक्स फोन लाइनें पहले से मुकर्रर हैं, लेकिन कई बार इन लाइनों के तकनीकी दिक्कतों का शिकार होने की शिकायतें आती रही हैं। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार के मंत्रियों और संवैधानिक पदों पर बैठे पदाधिकारियों के यहां लगाए जा रहे नए रेक्स फोन सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजामों से लैस हैं ताकि इसमें सेंध न लगाई जा सके। रेक्स फोन में पहचान की तकनीकी सुविधाएं हैं। लिहाजा फोन की लाइन तभी सक्रिय होगी जब निर्धारित व्यक्ति की पहचान की पुष्टि हो जाएगी। रेक्स लाइन की खासियत है कि इस पर हो रही बातचीत में सेंध लगाना संभव नहीं है। इसके संचालन के लिए एमटीएनएल ने अलग एक्सचेंज स्थापित कर रखा है। इस कवायद के पीछे भारत के लिए सुरक्षा की नई चुनौती बनकर उभरी साइबर सेंध को वजह माना जा रहा है। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) द्वारा भारत में सरकार और नेताओं की जासूसी को लेकर हाल में हुए खुलासों ने हड़कंप मचाया था। इसके चलते पिछले हफ्ते भारत आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के दौरे में भी यह मुद्दा छाया रहा। मामले को लेकर भारत में मौजूद नाराजगी के चलते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के कहना पड़ा कि मित्र देश एक-दूसरे की जासूसी कराएं यह कतई मंजूर नहीं किया जा सकता है।