श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि को देश के कई भागों में नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों में नागों में देवतओं के समान ही महत्व दिया गया है। भविष्य पुराण के अनुसार यह देवताओं और गरुड़ के सौतेले भाई हैं।
भविष्य पुराण के पंचमी कल्प में यह भी बताया गया है कि जो व्यक्ति श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन जो व्यक्ति दूध और धान के लावा से नाग की पूजा करते हैं उन्हें तथा उनके परिवार के लोगों को नाग दंश का भय नहीं रहता।
शास्त्रों में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि विष को अपने मुख में धारण करने वाले नाग लक्ष्मी के समान धनवान बनाने की भी क्षमता रखते हैं।
कहते हैं जिस जमीन के नीचे नागों का बसेरा होता है उस जमीन पर अगर आप घर बनाकर रहें तो सदैव लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। ऐसे घर में रहने वाले दिनानुदिन उन्नति करते जाते हैं। इसका कारण यह भी है कि यह वास्तु दोष को दूर करता है।