लंदन। बृहस्पतिवार से लॉर्ड्स में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच से पहले भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा और इंग्लैंड के गेंदबाज जेम्स एंडरसन के बीच हुई नोंकझोंक के कारण माहौल गरमाता जा रहा है। यह विवाद बुधवार को तब और बढ़ गया जब भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज की आलोचना करते हुए कहा कि पहले टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने लक्ष्मण रेखा लांघी थी। वहीं, इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने दावा किया कि दूसरे टेस्ट से पहले उनकी तेज गेंदबाजी के अगुआ को निशाना बनाना मेहमान टीम की रणनीतिक चाल है।
एंडरसन पर ट्रेंटब्रिज में पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन लंच के लिए पवेलियन लौटते समय जडेजा को अपशब्द कहने और धक्का देने के आरोप लगाए गए हैं। कुक से जब पूछा गया कि क्या एंडरसन को निशाना बनाया गया, उन्होंने कहा, ‘हां मैं ऐसा मानता हूं। इसकी वजह यही है। हम हैरान हैं कि इस तरह की स्थिति बन गई है। लेवल 3 के आरोप हैरान करने वाले हैं। जिमी की बात सुनने के बाद ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि तिल का ताड़ बना दिया गया।’
यदि आइसीसी न्यायिक समिति एंडरसन को दोषी पाती है, तो वह बचे हुए चार में से कम से कम दो टेस्ट मैच में नहीं खेल पाएंगे। आइसीसी ने अभी सुनवाई की तिथि तय नहीं की है और पहले दो टेस्ट मैचों के बीच समय कम होने के कारण एंडरसन का बृहस्पतिवार को लॉर्ड्स में खेलना तय है। आशंका जताई जा रही है कि इससे दोनों टीमों के बीच दूसरे टेस्ट और यहां तक कि सीरीज के दौरान तनाव बढ़ेगा, क्योंकि अभी चार टेस्ट मैच और वनडे सीरीज खेली जानी है, लेकिन कुक का मानना है कि इन आरोपों से दोनों टीमों के रिश्तों में खटास नहीं आएगी। वहीं, एंडरसन की शिकायत के जवाब में इंग्लैंड ने भी जडेजा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
धौनी ने मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘ऐसा (जडेजा को अपशब्द कहना और धक्का देना) हमने नहीं किया है। इस सचाई को स्वीकार करिए। जैसे कि प्रेस कांफ्रेंस में आप मुझसे कड़े सवाल कर सकते हैं। उनका जवाब देना या नहीं देना मेरा अधिकार है, लेकिन मैं आपको छू नहीं सकता हूं, या आप आकर मुझे छू नहीं सकते। आप किस भी तरह से अपनी बात रख सकते हैं, लेकिन कुछ चीजों का पालन करना जरूरी होता है और इनका पालन किया जाना चाहिए। हम खेल भावना और ऐसी चीजों के बारे में बहुत बातें करते हैं तथा दिशानिर्देश भी हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है। आप आक्रामक हो सकते हैं, आप वाचाल हो सकते हैं, लेकिन कुछ दिशानिर्देश तय किए गए हैं और हमें उनका पालन करना चाहिए।’
धौनी से पूछा गया कि धक्का देने के कारण क्या यह घटना काफी गंभीर है, उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर हम ऐसा मानते हैं।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या इस घटना के लिए जडेजा को भी दोषी ठहराया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘नहीं, मैं ऐसा नहीं मानता। जडेजा ने यह अच्छा किया कि अपनी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं की। यह काफी बढ़ सकता था, लेकिन मुझे लगता है कि वह बहुत अच्छी तरह से इससे निबटे। हमें इससे सीख लेकर आगे बढ़ना होगा। आखिर हम खेल खेल रहे हैं और कई लोग हमें देखते हैं और हमारे ऊपर काफी जिम्मेदारी होती है।’
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‘कुछ लोगों के बीच यह धारणा है कि यह चीजें खेल के लिए अच्छी हैं और इस तरह की घटनाओं को और बढ़ावा दिया जा रहा है। मैंने लोगों को यह कहते हुए सुना है कि यह खेल के लिए अच्छा है। यह कभी खेल के लिए अच्छा नहीं है। पहले काफी लोग इससे बच निकले हैं इसलिए हम सोचने लगते हैं की लोग इस तरह की चीजों से कैसे बच सकते हैं।’ -सुनील गावस्कर (पूर्व भारतीय कप्तान)
‘आक्रामकता का मतलब यह नहीं है कि आप बोलकर अपनी भड़ास निकालो। आइसीसी मूर्ख है जो इस तरह की चीजों को अपने हाथ से निकलने देती है। मैं अपशब्दों को लेकर बात नहीं कर रहा हूं, मैं एक दूसरे को आंखें दिखाने के बारे में बात कर रहा हूं। मैदान पर हुए झगड़ों का निबटारा अंपायरों को करना चाहिए। -इयान चैपल (पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान)