नरसिंहपुर- ज्योतिष एवं द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि सनातन धर्म की एकता को खंडित करने को षड्यंत्र हो रहे हैं। हमारे मंदिरों में देवी-देवताओं के साथ साई की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं। जब हमें सनातन धर्म में जन्म लेने का सौभाग्य मिला है और वेद-शास्त्रों ने राम, कृष्ण, सूर्य, दुर्गा और गंगा जैसे देवी-देवताओं की आराधना करने का मार्ग बताया है तो फिर हम यहां-वहां क्यों भटकें।
मध्य प्रदेश के गांव श्रीनगर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा कार्यक्रम के दौरान मंगलवार की देर शाम श्रद्धालुओं को संबोधन में शंकराचार्य ने कहा कि जिस मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करने के मंत्र ही नहीं हैं उसकी पूजा करने से कोई फल नहीं मिलता। भगवान का जन्म नहीं होता वे अवतार लेते हैं। राम-कृष्ण के अवतार की कथा सुनाते हुए शंकराचार्य ने कहा कि कई मंदिरों में रुपये का प्रलोभन देकर साई भक्ति कराई जा रही है। हमारे पास जब साधु-संत और शंकराचार्य जैसे महान लोग मार्गदर्शन के लिए हैं तो फिर हमें चमत्कार बताने वालों से दूर रहना चाहिए।