कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए सोशल मीडिया से लेकर मैन्युअल नेटवर्क और उपलब्ध संसाधनों के जरिए पुलिस प्रशासन तैयारियों में जुटा है। पांच राज्यों के पुलिस अफसर वाट्स ऐप पर जुड़ गए हैं। इससे किसी अप्रिय घटना की तत्काल सूचना के साथ वीडियो या फोटो भी मिल सकेंगे।
श्रावण मास की कांवड़ यात्रा 12 जुलाई से शुरू हो रही है। इस बार हरिद्वार से एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कांवड़ लेकर शिवालयों की ओर प्रस्थान करेंगे। ऐसे में हाईवे पर कांवड़ियों का सैलाब होगा। वहीं, 25 जुलाई को शिवरात्रि पर मंदिरों में जलाभिषेक होगा। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पहली कांवड़ यात्रा पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती है, क्योंकि छिटपुट घटनाओं की वजह से मुजफ्फरनगर के अलावा आसपास के जिलों में माहौल गरमाता रहा है।
ऐसे में चिंतित पुलिस अफसर हर स्तर पर व्यवस्था को चाक-चौबंद कर रहे हैं। इसी के चलते सीयूजी वाट्स ऐप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें हरियाणा, यूपी, दिल्ली, राजस्थान और उतराखंड के पुलिस अफसरों को जोड़ा गया है। आम आदमी भी वाट्स ऐप के जरिए कांवड़ यात्रा संबंधी अपनी समस्या अफसरों तक पहुंचा सकेंगे। वहीं, शासन स्तर से भी कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पूरी सख्ती के आदेश हैं। यही वजह है कि एडीजी (कानून-व्यवस्था) के बाद डीजीपी और प्रमुख सचिव (गृह) भी मेरठ आकर मीटिंग कर चुके हैं। जोन की पुलिस के अलावा आरएएफ और पीएसी के जवान भी सुरक्षा में तैनात रहेंगे।खुफिया विभाग की रिपोर्ट में कांवड़ यात्रा के दौरान पांच ऐसे स्थान हैं, जहां बवाल की आशंका है। उसके कारण भी बताए गए हैं। इनमें मुजफ्फरनगर जिले में शाहपुर और मंसूरपुर के बीच का हिस्सा टेंशन वाला है। दंगे के दौरान भी शाहपुर में काफी वारदातें हुईं। रुड़की की लड़की के अपहरण में देवबंद के युवक का नाम आया, जिससे तनाव की स्थिति है। वहीं, मेरठ में सरधना क्षेत्र से होकर बागपत को जाने वाले दाहा-बरनावा मार्ग भी अति संवेदनशील माना गया है। इन इलाकों में दोनों संप्रदायों की मिश्रित आबादी रहती है।
सीसीटीवी का सहारा:
बागपत के पुरा महादेव और मेरठ के औघड़नाथ मंदिर के साथ अन्य जिलों के विभिन्न प्रमुख शिवालयों के बाहर सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी लगेंगे। साथ ही प्रमुख स्थानों पर भी सीसीटीवी लगने हैं। मेरठ में ही 18 स्थानों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे।
कंटीजेंसी प्लान:���������� �
तमाम इंतजामों के साथ पुलिस ने इस बार कंटीजेंसी प्लान भी बनाया है। यह शहर के चार प्रमुख स्थानों को जोड़कर तैयार किया गया है, जो चार दिशाओं को जोड़ते हैं। इनमें से किसी भी स्थान पर कांवड़ यात्रा के दौरान व्यवधान होता है, तो कांवड़ियों को दूसरे रास्तों से निकालने की व्यवस्था रहेगी।
डीआईजी रेंज मेरठ के. सत्यनारायणा का कहना है कि कांवड़ यात्रा के मद्देनजर मैन्युअल नेवटर्क के साथ ही वाट्स ऐप ग्रुप भी बनाया है। कोशिश है कि सुरक्षा में किसी प्रकार की कमी न रहे।