यूपी कैबिनेट मीटिंग में बुधवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए।
एनेक्सी में हुई इस कैबिनेट मीटिंग में सीएम ने बहुप्रतीक्षित लखनऊ मेट्रो परियोजना को एक कदम आगे बढ़ाया। सीएम ने लखनऊ मेट्रो के प्रथम चरण और द्वितीय चरण को हरी झंडी दे दी।
प्रथम चरण के तहत लखनऊ में मेट्रो का काम ट्रांसपोर्टनगर से आलमबाग के बीच होगा, वहीं द्वितीय चरण के तहत� दिलशाद गार्डन से गाजियाबाद तक मेट्रो चलेगी।
उधर, मेट्रो के लिए सिविल निर्माण की टेंडर प्रक्रिया का आगाज 11 जून यानी बृहस्पतिवार को किया जा सकता है। इस हिसाब से यह प्रक्रिया 10 अगस्त तक समाप्त हो जाएगी।
इसके बाद में किसी एक कंपनी का टेंडर फाइनल करके काम का आगाज किया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया समाप्त होने के 20 दिन बाद मेट्रो का सिविल वर्क शुरू होगा। कुल 550 करोड़ रुपये का यह ठेका केवल एक हिस्से में ही होगा।
इसका अर्थ है कि पूरा काम एक ही कंपनी करेगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के दिशा निर्देश में टेंडर प्रक्रिया संचालित होगी। छह जून को हुई एलएमआरसी बोर्ड की मीटिंग में सिविल टेंडर करने की इजाजत दे दी गई थी।
कैबिनेट के कुछ और फैसले
मेट्रो के अलावा कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री मछुआ आवासों को भी लोहिया आवास की तरह ही माने जाने पर मुहर लगी। इसके लिए शासन ने 1.85 लाख का मद जारी किया।
इसके अलावा मान्यवर कांशीराम बांदा कृषि विश्वविद्यालय के नाम से मान्यवर कांशीराम हटा दिया गया है। अब इसे बांदा कृषि विवि के नाम से जाना जाएगा।
लखनऊ में बन रहे चक गजिरया में पशु पालन विभाग के 150 आवास हटाए जाने पर भी सीएम ने मुहर लगाई।