नई दिल्ली , वित्त विभाग सूबे के नए बजट की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। अधिकारियों का दावा है कि वित्त वर्ष 2014-15 के लिए बजट के प्रावधान लगभग तैयार कर लिए गए हैं। इसमें तब्दीली तभी होगी जब दिल्ली में नई सरकार बन जाए अथवा केंद्रीय मंत्रिमंडल संसद में मंजूरी दिलाने से पहले कोई संशोधन कर दे। अधिकारी भी केंद्र में नई सरकार का इंतजार कर रहे हैं। उनकी मानें तो इसी के बाद यह तय होना है कि दिल्ली में नई सरकार का गठन होगा अथवा राष्ट्रपति शासन लागू रहेगा। केंद्र के नए मंत्रिमंडल को ही विधानसभा भंग करने अथवा निलंबन जारी रखने के मसले पर फैसला करना है। यदि सूबे में सरकार नहीं बनती है तो दिल्ली के बजट को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी दिलवाई जाएगी।
नए बजट में राजस्व वसूली के लिए करीब 31 से 32 हजार करोड़ रुपये तक का लक्ष्य निर्धारित करने की संभावना है। हालांकि अधिकारियों ने यह बताने से इन्कार कर दिया कि राष्ट्रपति शासन में सरकार की प्राथमिकताओं की सूची में किन क्षेत्रों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी भी नई सरकार के गठन की संभावनाएं बनी हुई हैं, ऐसी सूरत में अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल लेगा। इतना जरूर है कि नौकरशाही से बड़े नीतिगत परिवर्तन की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।