कल बदलाव की औपचारिकता पूरी हुई
देश की जनता लगभग पिछले ३ साल से जो बदलाव चाह रही थी और जिसको लाने के लिए उसने नरेन्द्र मोदी को काबिल समझा, उस बदलाव की और कल पहला कदम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बढ़ाया गया.
मोदी पहले से ही एक दबंग नेता माने जाते थे, अब जनता ने उन्हें गठबंधन के ज़माने में असंभव लगने वाला अच्छा बहुमत देकर सोने पे सुहागा जैसा काम कर दिया है. यानी कि उन्हें लोकसभा में विधायी कार्य सुचारू रूप से करने के लिए मनमोहन-सोनिया की तरह दुसरे दलों की चिरोरी नहीं करनी पड़ेगी. हाँ राज्य सभा में कांग्रेस अभी भी सबसे बड़ी पार्टी है.
चूँकि मोदी स्वयं ही power centre रहेंगे इसलिए मनमोहन से कहीं ज्यादा स्वतंत्र हो कर काम कर सकेंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि मोदी की governance का अंतराष्ट्रिये वित्त संस्थायों और देश के उद्योगपतियों ने पहले से लोहा मान लिया है. यह goodwil अर्थवयवस्था सुधार में बहुत काम आएगी.
मोदी के लिए एक और अच्छी बात है पाकिस्तान की तरफ से positive signal मिलना. इन परिस्थितियों के चलते राहुल को और समूचे विपक्ष को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी मोदी के कामकाज में खामियां ढूँढने की. आज अगर कोई २०१९ के चुनाव के बारे में भविष्यवाणी करना चाहे, तो मोदी ने जिस तरह governance सुधार को सरकार गठन का focus बनाया है और अगर ये सुधार इच्छित परिणाम लाते हैं, तो २०१९ का चुनाव मोदी आज ही जीत चुके हैं.
विजय चावला