नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रूट का निर्माण भी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ही कराएगी। बुधवार को दिल्ली में डीएमआरसी की बोर्ड बैठक में यह निर्णय हुआ।
गौरतलब है कि 6-7 माह पूर्व शीला दीक्षित सरकार ने डीएमआरसी द्वारा दिल्ली से बाहर मेट्रो ट्रैक के निर्माण पर आपत्ति जताई थी। उसके बाद दिल्ली से बाहर यह काम रूक गया था। बुधवार काे बैठक के बाद अब नोएडा-ग्रेनो में भी मेट्रो कार्य शीघ्र शुरू होने के आसार हैं।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने टर्न की कंसलटेंसी के आधार पर डीएमआरसी को इस रूट के निर्माण का प्रस्ताव दिया था, जिस पर डीएमआरसी को निर्णय लेना था। बुधवार को इस पर डीएमआरसी से निर्णय हो जाने के बाद अब जल्द ही एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। इसके बाद इस परियोजना की नींव पड़ने की संभावना है। अभी इसका एमओयू शासन के पास है।
29.707 किलोमीटर लंबे इस रूट को 2017 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यह मेट्रो का चौथा चरण है। अब तक इसे 2016 में पूरा करने का लक्ष्य था, मगर अब एक साल और बढ़ गया है।
नोएडा-ग्रेनो रूट के निर्माण के बाद संचालन डीएमआरसी करेगी या फिर प्रस्तावित नोएडा मेट्रो रेल कंपनी, यह शासन, नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और डीएमआरसी बाद में बैठक कर तय करेंगे।
एनएमआरसी के गठन का प्रस्ताव अभी शासन के पास अटका है। 5064 करोड़ रुपये की लागत की इस परियोजना का आधा खर्च नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और आधा केंद्र सरकार वहन करेगी।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रूट की शुरुआत सिटी सेंटर से होगी। वहां से सेक्टर 51, 83, 101, 143 और 147 होते हुए ग्रेटर नोएडा तक जाएगी। ग्रेटर नोएडा में अंतिम स्टेशन विप्रो के पास होगा। इस रूट पर कुल 22 मेट्रो स्टेशन पड़ेंगे।
इस रूट पर सेक्टर 78, 81, 101, 83, 85, 137, 142, 144, 147, 149 व 153 आदि बस रहे हैं। मौजूदा समय में इन सेक्टरों के लिए सार्वजनिक परिवहन के नाम पर इक्का-दुक्का बसें ही चल रही हैं।
इसकी कमी के चलते ही इन सेक्टरों में आबादी उतनी नहीं बस पा रही, जितना कि उम्मीद की जा रही है। मेट्रो के आने के बाद यहां के सेक्टर भी न सिर्फ नोएडा, बल्कि दिल्ली से जुड़ जाएंगे।