भाजपा दावा कर रही है कि इस बार वो नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सत्ता तक पहुंचने में कामयाब रहेगी। हालांकि, जादुई आंकडे़ तक पहुंचना इतना आसान नहीं होगा और यह बात भगवा दल को भी पता है।
दरअसल, इस बार का चुनाव ही ऐसा है कि कुछ कहा नहीं जा सकता। भाजपा मिशन 272 का हवाला दे रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कह चुके हैं कि वो तीसरे मोर्चे की सरकार को समर्थन नहीं देंगे, क्योंकि उनके नंबर पूरे आ रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस से अलहदा तीसरे और चौथे मोर्चे के रूप में शक्ल लेने वाले राजनीतिक दल भी सक्रिय हैं। इस कुनबे में कई लोग प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब देख रहे है। उत्तर प्रदेश से मुलायम सिंह यादव और मायावती और दक्षिण से जे जयललिता इस सपने को सभी के सामने भी रख चुकी हैं।
ईटी के मुताबिक यह सवाल लाजिमी है कि अगर तमाम कोशिशों के बावजूद एनडीए सत्ता के लायक सीटें नहीं बटोर पाता, तो क्या होगा। इस सवाल को भाजपा सामने भले खारिज करे, लेकिन भीतर कहीं न कहीं वो खुद भी इसका जवाब तलाश रही है।
इस बीच खबर आई है कि भारतीय जनता पार्टी में नरेंद्र मोदी वाले खेमे का मानना है कि अगर हालात बदतर साबित होते हैं और एनडीए बहुमत तक नहीं पहुंचता, तो कोई प्लान बी ऐसा नहीं होगा, जिसमें मोदी के बजाय किसी और को पीएम बनाया जाए।
इस धड़े का मानना है कि अगर चुनावों के बाद उसे और सहयोगियों की जरूरत पड़ती है, तो भी मोदी के नाम पर कोई समझौता नहीं होगा। या तो वो शीर्ष पद संभालेंगे या फिर भाजपा विपक्ष में बैठेगी।
मोदी के करीबी एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “हमारे अपने एग्जिट पोल के मुताबिक हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। बुरी से बुरी स्थिति में एनडीए को करीब 200 सीटें मिलेंगी, जबकि कांग्रेस 100 से नीचे रहेगी।”
हालांकि, दूसरों का कहना है कि भाजपा के एग्जिट पोल ऐसी सलाह दे रहे हैं कि एनडीए को सरकार बनाने के लिए चुनाव बाद कुछ दलों से हाथ मिलाने की जरूरत पड़ सकती है। इन पोल के नतीजे अभी छिपाकर रखे गए हैं।