हाथियों को ढकने की खबर झूठी-चुनाव आयोग की सफाई, नहीं दिया आदेश्ा
यूपी में बसपा शासन में लगाई गईं हाथी की मूर्तियों को ढकने की खबर पर राज्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा के बयान ने खलबली मचा दी है।
सिन्हा ने यह कहते हुए सनसनी फैला दी कि उन्होंने मायावती या हाथी की मूर्तियों को ढकने का कोई भी आदेश नहीं जारी किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ऐसे किसी आदेश के बारे में कोई जानकारी भी नहीं है। मीडिया के जरिए उन्हें जब ये सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत पल्ला झाड़ लिया।
अब तलवार नोएडा जिला प्रशासन पर लटक रही है, क्योंकि यह आदेश शुक्रवार दोपहर वहीं से जारी किया गया। गौरतलब है कि वहां के डीएम राजामौली मायावती के शासनकाल में भी वहीं के डीएम रह चुके हैं।
बताया गया कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को यह आदेश दिया है। इसके पहले भी ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि आदर्श चुनाव आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी द्वारा लगवाई गई हाथी की मूर्तियां ढक दी जाएंगी।
हालांकि, चुनाव आयोग के आदेश के बाद यह तय हो गया है कि 2012 विधानसभा चुनाव की तरह ही आम चुनाव में भी हाथी की मूर्तियां ढक दी जाएंगी।
2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी तमाम राजनीतिक दलों की आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने सूबे की तमाम जगहों पर लगी माया और हाथियों की मूर्तियां ढकवा दी थीं।
गौरतलब है कि बसपा राज में यूपी की राजनाधी लखनऊ समेत नोएडा में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की 11 मूर्तियां लगवाई गई थीं।
इसके अलावा, मायावती ने पूरे प्रदेश में करीब 300 मूर्तियां हाथियों की लगवाई थीं। सिर्फ लखनऊ में ही मायावती की नौ और नोएडा में दो मूर्तियां हैं।
राजधानी के गोमतीनगर स्थित भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल में ही 96 लाख रुपये की कीमत वाली 24 फीट ऊंची कांसे की मायावती की प्रतिमा भी इसमें शामिल है।