(IANS)आंध्र प्रदेश के बड़े तेलुगू नक्सली नेता छत्तीगसढ़ की आदिवासी महिलाओं का यौन शोषण करते हैं। विरोध करने पर उन्हें अपमानित किया जाता है और यातना दी जाती है। यह खुलासा किया है छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में नक्सली संगठन दल्ली राजहरा के एरिया कमिटी के सरेंडर कर चुके सदस्य और पल्लेमाड़ी एलओएस के डिप्टी कमांडर दिनेश उर्फ नवल सिंह उर्फ बिल्लू ने। दिनेश ने बताया कि मुझे भी कई मौकों पर अपमानित होना पड़ा।
दिनेश 7 साल से नक्सलियों से जुड़ा था। पहली बार उसे टॉप नक्सलियों ने प्रलोभन देकर दलम में शामिल किया। उसे खेती करने योग्य जमीन देने का लालच दिया गया था, लेकिन कुछ नहीं दिया गया। बकौल दिनेश, महिला नक्सलियों का शारीरिक शोषण तो छत्तीसगढ़ के नक्सलियों को नीचा दिखाने के लिए किया जाता है। बीते वर्षों में कई स्थानीय नक्सलियों और राजनांदगांव के अपने कई साथियों के सरेंडर के बाद दिनेश ने भी शनिवार को सरेंडर कर दिया। उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी था।
पुलिस कंट्रोल रूम में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी संजीव शुक्ला ने बताया कि दिनेश इसी जिले के धुर नक्सल प्रभावित थाना खड़गांव के घोड़ागांव का रहने वाला है। दिनेश साल 2007 में डीएकेएमएस का अध्यक्ष बनकर नक्सलियों से जुड़ गया। शुरू में वह पोस्टर-बैनर लगाने और प्रचार का काम करने लगा। नक्सली संगठन में छह माह में ही परेशान होकर वह लौट आया। बाद में दबाव बनने पर फिर सक्रिय हो गया।
दिनेश का कहना है कि लगभग 7 साल तक नक्सली दलम में रहने के बाद वह अब मुड़कर पीछे देखता है, तो सिर्फ पछतावा ही होता है। उसे जो प्रलोभन दिए गए थे, सारे झूठे निकले। इसके अलावा अपमान भी काफी हुआ। दिनेश के कई साथी दलम छोड़ समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए। यह देख उसका मन भी बदला और कई महीने के विचार-विमर्श के बाद उसने भी आत्मसमर्पण कर दिया।