जब वो रोटी मांगे तो उसे मंदिर दे दो
जब वो नौकरी मांगे, उसे कुरान पकड़ा दो
जब वो मकान मांगे , तो चर्च की बड़ी बिल्डिंग दिखा दो
जब वो ये सब मांगे तो उसे मंदिर से डरा दो , उसे कुरान से डरा दो , उसे चर्च से डरा दो
वो डरता रहेगा – मंदिर से , मस्जिद से , टोपी से , दाढ़ी से
बस फिर वो तुम्हे ही वोट देगा, सिर्फ तुम्हे ।
उसे रोटी नहीं चाहिए , मकान भी नहीं चाहिए ; उसे बस मंदिर चाहिए , उसे बस मस्जिद चाहिए
कितनी छोटी सी चाहत है उसकी —-
मुकेश त्यागी