राहुल गांधी ने विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के हाल में दिए गए गए एक बयान पर आपत्ति जताई तो फिर कांग्रेस में राजीव शुक्ला सहित तमाम कांग्रेसी उसी सुर में बोलने लगे। सलमान खुर्शीद ने मोदी पर एक टिप्पणी की थी। भाजपा के विरोध के बाद के बाद जब हाईकमान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी, तो सलमान खुश थे। यही सोच रहे होंगे कि पूरे सौ नंबर मिल गए। पिछली बार मणिशंकर अय्यर बाजी मार गए थे। इस बार सलमान खुर्शीद ने हाईकमान को खुश करने की सोची। पर पासां उलट गया।
पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया में साफ कहा कि किसी पार्टी के नेता के खिलाफ टिप्पणी करने की एक मर्यादा होनी चाहिए। उससे बाहर का आचरण ठीक नहीं। सलमान सितारों की सोच रहे थे, जमीन पर फिसल गए। सोच रहे थे हाईकमान ईनाम देगा और फरुखाबाद में आतिशबाजी। मगर यहां उल्टा हो गया। कसूर सलमान खुर्शीद का भी नहीं।
पिछले दिनों कांग्रेस अधिवेशन के ठीक पहले मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी पर चाय वाली एक टिप्पणी कर दी थी। मणिशंकर अय्यर को कोई फटकार नहीं मिली। उल्टा अधिवेशन में राहुल गांधी ने किसी और बहाने उनकी तारीफ भी कर दी। बस क्या था, सारे कांग्रेसी उन्हें बधाई देने लगे। उनकी सीट पर आकर हाथ मिलाने लगे। आखिर राहुलजी की प्रशंसा मिली थी। पर सलमान खुर्शीद का नसीब कुछ और था। राहुल ने एतराज जताया तो राजीव शुक्ला भी उन्हें नसीयत देने लगे। यह कांग्रेसी परंपरा है। राहुलजी का मिजाज भापंकर ही बधाई या नसीयत मिलती है।