चुनावी वादों की बौछार लगाने वाली कांग्रेस को अपने चुनाव घोषणा पत्र में महंगाई की याद नहीं आई है। पार्टी ने बड़ी चतुराई से महंगाई के मुद्दे को गोल कर दिया।
कांग्रेस अगर तीसरी बार सत्ता में आती है तो महंगाई पर काबू पाने का उसके पास क्या उपाय और एजेंडा है, इस पर पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कोई जिक्र नहीं किया है।
पिछले दस साल से महंगाई पर काबू नहीं कर पाई सरकार के रिकॉर्ड को देखते हुए शायद देश की सबसे पुरानी पार्टी ने मान लिया है कि महंगाई पर काबू करना उसके वश की बात नहीं।
पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में लोगों को घर, रोजगार और बेहतर स्वास्थ्य के अधिकार देने की बात कही है। मगर पार्टी ने सबसे अहम मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस के कई नेता पांच और 12 रुपये में पेट भर खाना मिलने का दावा करते रहे हैं। मगर अब पार्टी चुनाव घोषणा पत्र में यह बता नहीं पाई कि आखिर इतना सस्ता खाना लोगों को कैसे मिलेगा।
जबकि पिछले दस सालों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री कई बार कह चुके है कि वह 100 दिनों महंगाई कम कर देंगे मगर आज तक ऐसा नहीं हो पाया। ऊपर से महंगाई घटी नहीं बल्कि बढ़ गई।
पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र बुधवार को जारी किया तो प्रधानमंत्री से महंगाई काबू नहीं करने को लेकर सवाल पूछा गया तो प्रधानमंत्री ने माना कि महंगाई लोगों की बड़ी समस्या है। मगर इसके अंतरराष्ट्रीय कारकों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि सरकार ने जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ने नहीं दिए।