एक समय विद्या बालन के हाथों से किताब छूटती नहीं थी, लेकिन फिर फिल्मों में व्यस्तता और उसके बाद शादी… अब उन्हें स्क्रिप्ट के सिवा कुछ और पढ़ने का वक्त नहीं मिलता।
खाली समय वह परिवार के साथ बिताना पसंद करती हैं। इन दिनों विद्या अपनी आने वाली फिल्म ‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ को प्रमोट करने में व्यस्त हैं। फिल्म और जीवन के अनुभवों को लेकर पढ़िए उनकी बातचीत।
शादी के साइड इफेक्ट्स… क्या सोचती हैं इनके बारे में?
यह देखने वाले पर है कि वह किस नजरिये से इसे देखता है। शादी में थोड़ी अनबन, नोकझोंक तो हर रिश्ते में होती है। वैसे यह बातें हर रिश्ते में होती हैं। माता-पिता, भाई-बहन, हसबैंड-वाइफ… कहां ऐसी बातें नहीं होतीं?
अगर शादी में यह होता है तो यह आप पर है कि रिश्ता निभाना चाहते हैं या नहीं। अगर नहीं चाहते हैं तो सारे साइड इफेक्ट्स आपको नकारात्मक दिखाई देंगे।
शादी से बहुत पहले 2010 में मैंने इसके लिए हामी भरी थी। परंतु किसी न किसी वजह से यह टलती गई। फिर 2012 में एक बार फिर प्रीतिश नंदी कम्युनिकेशंस मेरे पास आए कि अब फिल्म शुरू करनी है। हीरो मिल गया है। शूटिंग मेरी शादी (2012) के बाद शुरू हुई। यह महज इत्तेफाक है।