खुलकर करें प्यार का इजहार, कोर्ट ने भी दी मंजूरी

राजधानी के पार्कों में स्टूडेंट्स के आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है। न ही इसके लिए सभी पार्कों में गार्डों को तैनात करने का आदेश दिया जा सकता है।
ऐसा करना सभी नागरिकों को मिले भ्रमण के अधिकार का उल्लंघन होगा। इस आदेश के साथ हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस संबंध दायर एक पीआईएल खारिज कर दी।
जस्टिस इम्तियाज मुर्तजा और जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने यह फैसला विजय सिंह की पीआईएल पर सुनाया। याची ने शहर के बेगम हजरत महल पार्क में गार्ड तैनात किए जाने के निर्देश देने की गुजारिश की थी।
जिससे यूनिफार्म में स्टूडेंट्स व अन्य शिक्षित युवक पार्कों में जाकर गलत हरकतें न कर सकें और आम लोग इनमें अपने परिवार के साथ बेहिचक आजादी से जा सकें।
याची का आरोप था कि स्कूल छोड़कर छात्र-छात्राएं व अन्य युवक इन पार्कों का दुरुपयोग करते हैं और वहां अश्लील हरकतें करते हैं।
कोर्ट ने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों को भ्रमण (मूवमेंट) की आजादी दी गई है लिहाजा याची द्वारा इस संबंध में मांगी गई राहत नहीं दी जा सकती है।