कांग्रेस के समर्थन से चल रही केजरीवाल सरकार का कांग्रेस पर ही चौतरफा हमला जारी है।
पहले केजरीवाल सरकार ने कॉमनवेल्थ खेल से जुड़े गेम्स स्ट्रीट लाइट घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
फिर 1984 सिख विरोधी दंगे की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की सिफारिश उपराज्यपाल से की।
और अब कांग्रेस के बहाने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग पर करारा हमला किया है।
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और पूर्व पत्रकार आशुतोष ने नजीब जंग को कांग्रेस का ‘एजेंट’ करार दिया है।
आशुतोष ने कहा कि केजरीवाल सरकार के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जनलोकपाल बिल से जुड़ी जानकारी और बातचीत उपराज्यपाल के कार्यालय से लीक कैसे हो गई?
दरअसल इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब नजीब जंग ने जनलोकपाल को लेकर दिल्ली के सॉलिसिटर जनरल से कानूनी राय मांगी थी।
माना जाता है कि सॉलिसिटर जनरल मोहन परासारण ने नजीब जंग को बताया कि पिछले साल संसद ने लोकपाल और लोकायुक्त एक्ट पारित किया था।
इसके मुताबिक यदि केंद्र सरकार को दरकिनार कर दिल्ली विधानसभा जनलोकपाल बिल को पारित करती है तो यह असंवैधानिक होगा।
साथ ही केंद्र सरकार इस मामले में एक पक्षकार है। दिल्ली विधानसभा में इस पर बहस और पारित होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से इसकी मंजूरी जरूरी है।