
नई दिल्ली, दिल्ली में भाजपा ने सरकार बनाने के लिए अपनी सक्रियता तो बढ़ा दी है, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम पर पेंच फंसा हुआ है। इस पद के लिए जिन नामों पर चर्चा है, उन पर सहमति नहीं बन रही है। इसीलिए सरकार बनाने की मुहिम अभी तक मूर्त रूप नहीं ले सकी है। प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के साथ पार्टी विधायकों की बैठक में भी इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। इसलिए अब विधायक व प्रदेश इकाई पार्टी हाई कमान के फैसले का इंतजार कर रही है।
कांग्रेस के छह विधायकों के सहारे दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश में लगे भाजपा विधायक अपना नेता चुनने में असमर्थ हैं। यही कारण है कि सरकार बनाने को लेकर पार्टी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच सकी है। उम्मीद थी कि बुधवार को विधायकों की बैठक में विधायक दल का नेता व उपनेता पर कोई सहमति बनेगी, जिससे सरकार बनने की सक्रियता में भी तेजी आ सके। बैठक में विधायकों ने सरकार बनाने की बात करने के साथ विधायक दल का नेता चुनने की भी मांग की, परंतु इसके लिए किसी नेता का नाम आगे नहीं कर सके। जबकि माना जा रहा था कि प्रो. जगदीश मुखी के नाम पर विधायक सहमत होंगे।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री को लेकर सहमति नहीं बनने से बात आगे नहीं बढ़ रही है। इस अनिर्णय की स्थिति से निकलने के लिए प्रदेश इकाई अब पूरी तरह से पार्टी हाईकमान पर निर्भर हो गया है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि ब्रिक्स सम्मेलन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वापस लौटने के बाद इस मसले पर पार्टी हाईकमान कोई अंतिम निर्णय लेगा। वहीं बैठक के बाद सतीश उपाध्याय का भी यही कहना था कि सांसदों के बाद विधायकों से बात हुई है। अब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात कर आम राय बनाई जाएगी।
बेबुनियाद आरोप लगाना केजरी की आदत
दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर तेज हुई हलचल के बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाते हुए लोगों को भेजे गए ऑडियो संदेश पर भाजपा ने सख्त आपत्तिजताते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली की जनता को गुमराह करना, झूठ बोलना व बाद में पलट जाना केजरीवाल की पुरानी आदत है। उन्हें प्रमाण के साथ यह बताना चाहिए उनके विधायकों को कौन 20 करोड़ रुपये की पेशकश कर रहा है। उन्हें झूठ बोलकर मीडिया की सुर्खी बटोरने की आदत अब छोड़नी चाहिए।