दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यू-टर्न ले लिया है। उनके रहने के लिए भगवान दास रोड पर दस कमरो वाले दो डुप्ले तैयार किए जा रहे थे, लेकिन अब उन्होंने साफ कर दिया है कि वह ये सरकारी बंगले नहीं लेंगे।
इस बंगले को लेकर काफी हो-हल्ला मच गया था। चुनावों में सादगी को मुद्दा बनाकर उतरे केजरीवाल के सरकारी निवास के तौर पर जब दो डुप्ले तैयार कराए जाने से जुड़ी खबर मिली, तो मीडिया ने आम आदमी पार्टी को इस मुद्दे पर घेर लिया था।
शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने अपनी सफाई में कहा था कि मीडिया को इन डुप्ले की तुलना पिछली मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले से करनी चाहिए, ताकि अंतर साफ हो जाए। साथ ही उन्होंने कहा था वह एक मकान में रहेंगे, दूसरा कैंप ऑफिस की तरह काम करेगा, ताकि ज्यादा काम कर सकें। लेकिन शनिवार सवेरे सारा फैसला पलट गया।
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उन्होंने ये दोनों सरकारी घर न लेने का फैसला किया है। जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, “वैसे तो यह घर पांच ही कमरों का था। कल से मेरे चाहने वालों, मेरे दोस्तों, पार्टी के सपोर्टर के फोन आए, आम जनता के फोन आए, मैसेज आए। उन्हें लगा कि मुझे यह घर नहीं लेना चाहिए।”
केजरीवाल ने कहा, “यही वजह है कि मैं ये दोनों घर छोड़ रहा हूं। मैंने कहा कि मेरे लिए छोटा सरकारी घर तलाशा जाए।” जब उनसे पूछा गया कि इसके अलावा कोई बड़ी खबर है, तो उन्होंने मीडिया से कहा, “अब आपको इतनी बड़ी खबर दे दी है, और क्या चाहिए?”