भ्रष्टाचार पर केजरीवाल का वार, 800 के तबादले,निगम के तीन अधिकारी गिरफ्तार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड की तस्वीर बदलने की कवायद शुरू कर दी है।
जल बोर्ड से जुड़ा टैंकर घोटाला सामने आने के एक दिन बाद ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर बोर्ड ने सोमवार को आठ सौ कर्मचारियों के रिकॉर्ड तबादले कर दिए।
25 कंट्रोल रूम और जलाशयों में तैनात ये कर्मचारी तीन साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर जमे हुए थे।
वहीं एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत तय करते दिखाए गए तीन कर्मचारियों को भी सरकार ने सस्पेंड कर दिया है।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड से पानी माफिया का सूपड़ा साफ करने के लिए आठ सौ कर्मचारियों का तबादला किया गया है।
निजी टैंकरों के मालिकों से साठगांठ
इन कर्मचारियों की जल बोर्ड के अधीन चल रहे निजी टैंकरों के मालिकों से गहरी साठगांठ बताई जा रही है।
मिलीभगत के कारण निजी टैंकर वाले पूरे चक्कर नहीं लगाते थे, जबकि रिकॉर्ड में उनके पूरे चक्कर दिखाए जाते हैं। उधर प्रभावित लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाता है और वे सड़कों पर उतर कर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर रहते हैं।
जिस स्टिंग के चलते जल बोर्ड के दो कर्मी नपे हैं उसमें हैदरपुर जल शोधक संयंत्र में कार्यरत चीफ वॉटर एनालिस्ट विनोद कुमार को पानी की गुणवत्ता के नमूने पास करने के लिए साठगांठ करते हुए दिखाया गया है।
घूस लेते पाए गए मीटर रीडर
इसके अलावा 20 हजार लीटर पानी मुफ्त दिलवाने के नाम पर मीटर रीडर अतुल को घूस की बात करते दिखाया गया है।
उसने किराएदार के लिए अलग से पानी का कनेक्शन लेने पर ऐतराज जताया, मगर रिश्वत की बात तय होने पर वह कनेक्शन लगवाने को तैयार हो गया।
इन दोनों के अलावा स्टिंग ऑपरेशन में दक्षिण पश्चिम जिला के उपायुक्त कार्यालय में पटवारी सुनील कुमार को मकान की रजिस्ट्री के लिए सेल डीड की फोटो कॉपी निकालने के लिए रिश्वत के दाम तय करते हुए दिखाया गया। पांच सौ रुपये मिलते ही उसने जमीन की फर्द दे दी, जबकि सरकारी फीस मात्र पांच रुपये है।
निगम के तीन अधिकारी गिरफ्तार
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कड़े रुख के बाद दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) हरकत में आ गई है।
एसीबी ने दक्षिण दिल्ली में एक संपत्ति का नकली दस्तावेजों के आधार पर म्यूटेशन करने के मामले में नगर निगम के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।