मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है। अब तक मिले 67 रुझानों में कांग्रेस 18 और भाजपा 46 सीटों पर आगे चल रही हैं।
शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा तीसरी बार सत्ता पाने के लिए मध्य प्रदेश में जोर लगा रही है। इस बार भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही मुख्य मुकाबला है।
राजनीति के विश्लेषकों की मानें तो नतीजों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा के साथ-साथ भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की संभावनाएं जुड़ी हैं, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।
भाजपा में यह तो माना जा रहा है कि नौजवान मतदाताओं को लुभाने में मोदी की अंतिम समय में की गई 14 सभाओं का योगदान है, लेकिन इसे मोदी पर रायशुमारी मानने को कोई तैयार नहीं।
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों पर हुए 25 नवंबर को चुनाव हुए थे। राज्य की कुल 230 सीटों में से सरकार बनाने का आंकड़ा 116 सीटों का है।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए रिकॉर्ड 71 फीसदी मतदान हुआ था। लगभग आधा दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटों पर 80 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े। सबसे ज्यादा 83 फीसदी वोट होशंगाबाद और श्योपुर जिले में पडे और सबसे कम 54 फीसदी वोट सतना जिले में।
एग्जिट पोल की भविष्यवाणी
मध्य प्रदेश में सभी ने एक स्वर से भाजपा की हैट्रिक की भविष्यवाणी की है। एग्जिट पोल की मानें तो इस बार भी बीजेपी को ही सत्ता पर काबिज होने जा रही है।
आज तक और एबीपी ने भाजपा को 138 तो कांग्रेस को 80 सीटें दी थी, जबकि टाइम्स नाऊ ने भाजपा को 145 तो कांग्रेस को 77 सीटें दी। आईबीएन का मानना था कि प्रदेश में भाजपा को 136-146, कांग्रेस को 67-72 सीटें हाथ लगेंगी।
53,896 पोलिंग स्टेशनों पर कड़ी सुरक्षा के बीच 25 नवंबर को कुल 4,64,57,724 मतदाताओं ने अपने मत डाले थे।