दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए बुधवार सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हो गया। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए कडी़ सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों के दिलचस्प त्रिकोणीय मुकाबला दिलचस्प है। सवेरे आठ बजे से शुरू हुए मतदान के पहले घंटे में नई दिल्ली विधानसभा सीट पर 11 फीसदी वोटिंग हो चुकी थी।
इस सीट पर चौथी पार सत्ता तक पहुंचने की कोशिश में जुटी मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता और दिल्ली की सियासत में बदलाव का बिगुल फूंकने वाले आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।
सभी सीटों की बात करें, तो सवेरे नौ बजे तक 4 फीसदी वोटिंग की खबर है।
इस बार चुनाव में कुल 810 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
तीनों ही पार्टियों के अपने-अपने दावे हैं। तीनों खुद को सत्ता की दावेदार बता रही हैं लेकिन मतदाता आज शाम तक इनकी किस्मत को ईवीएम में बंद कर देंगे।
मतदान के लिए 11,993 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जिसके लिए 12 हजार पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
चुनाव के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए सुरक्षा और पुलिस बल का पुख्ता इंतजाम किया गया है। पुलिस के 32,801 कर्मी तैनात किए गए हैं।
अर्द्ध सैनिक बलों की 107 कंपनियां और होम गार्ड के 11,842 जवान सुरक्षा प्रबंध में मदद देंगे। इसके अलावा मतदान के लिए 47,972 कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
हर दो घंटे पर मतदान प्रतिशत की जानकारी लेने के लिए परंपरागत और आधुनिक दोनों तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। क्षेत्रीय अधिकारी हर दो घंटे में मतदान प्रतिशत की केंद्रीय कक्ष को जानकारी देंगे।
इसके अलावा हर दो घंटे बाद पीठासीन अधिकारी एसएमएस के माध्यम से रिपोर्ट देंगे। पीठासीन अधिकारियों के मोबाइल नंबर का डाटा तैयार किया जा चुका है।
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी विजय देव ने संवाददाता सम्मेलन में तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मतदाताओं को जागरूक करने और उन्हें मतदान केंद्र तक लाने के लिए चलाए गए अभियान से उम्मीद है कि इस बार मतदान प्रतिशत में काफी इजाफा होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली में 58 प्रतिशत मतदान हुआ था।
किसके सिर सजेगा दिल्ली का ताज इसका फैसला आठ दिसंबर को मतगणना के बाद हो जाएगा।