चीनी मिलें न चलने और किसानों का बकाया भुगतान नहीं होने से वेस्ट यूपी में घमासान मच गया है। शनिवार को मेरठ में कमिश्नरी पर भाजपा किसान मोर्चा के जिला कार्यकारिणी सदस्य ने आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस ने बड़ी मशक्कत से उसे बचाया।
इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। बाद में कमिश्नर ने भाजपा नेताओं के साथ वार्ता में कार्रवाई और उनकी बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
भाजपा किसान मोर्चा का गन्ना भवन पर पहले से ही बेमियादी धरना चल रहा है। कोई हल निकलता न देख भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी और किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल तोमर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कमिश्नरी की ओर कूच किया।
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही कमिश्नरी को छावनी में तब्दील कर दिया। इसके बावजूद भाजपा कार्यकर्ता कमिश्नरी परिसर तक पहुंच गए। इसी दौरान कमिश्नर कार्यालय के ठीक सामने जिला कार्यकारिणी सदस्य सत्येंद्र त्यागी रहदरा ने पहले मशाल जलाई। दूसरे कार्यकर्ता के हाथ में गन्ना था।
इस बीच लोग कुछ समझ पाते कि सत्येंद्र ने अचानक अपने ऊपर केरोसिन छिड़कना शुरू कर दिया। यह देख एसपी सिटी और पुलिस दौड़ी। मशाल उसके हाथ से छीनकर फेंकी। केरोसिन की बोतल भी छीन ली। पुलिस ने सत्येंद्र को हिरासत में लेना चाहा, लेकिन दूसरे कार्यकर्ताओं ने बचाव कर लिया। इस जद्दोजहद में पुलिस और भाजपाइयों में तीखी झड़प भी हुई।
कमिश्नर ने वार्ता को बुलाया
भाजपाइयों के उग्र तेवर देख कमिश्नर मनजीत सिंह ने भाजपा नेताओं को वार्ता के लिए बुला लिया। वार्ता में डॉ. वाजपेयी और तोमर ने मिलों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष वाजपेयी ने कहा कि प्रदेश सरकार तो मिल मालिकों के हाथों बिकी है। प्रशासन तो अपने विवेक से निर्णय ले सकता है।
मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष तोमर ने कहा कि मिल चलवाने के लिए मालिकों की गिरफ्तारी जरूरी है। एक मिल के मालिक की गिरफ्तारी के बाद सभी रास्ते पर आ जाएंगे। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि किसान फसल जलाने को मजबूर हैं। इस पर कमिश्नर ने सख्ती बरतने और शासन तक किसानों की बात पहुंचाने का आश्वासन दिया।
रोज हो रही बेइज्जती, फिर क्यों न मरूं
कमिश्नरी पर आत्मदाह का प्रयास करने वाले सतेंद्र त्यागी ने शुक्रवार को अपने 10 बीघा गन्ने की फसल में आग लगा दी। सतेंद्र ने बताया कि उसके ऊपर बाजार का कर्ज है। बिजली का 20 हजार रुपये का बिल बकाया है। बैंक का 30 हजार रुपये का लोन है। बहन की शादी कर्ज लेकर की थी। कर्जदार रोज दरवाजे पर आकर बेइज्जती कर रहे हैं। ऐसे में अब मरने के अलावा क्या विकल्प है?
दूसरे जिलों में भी लड़ाई सड़क पर
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर समेत बिजनौर, बागपत, सहारनपुर और शामली जिलों की� मिलें न चलने और भुगतान न होने की लड़ाई अन्य जिलों में भी सड़क पर आ गई है।� मुजफ्फरनगर में कलक्ट्रेट में भाकियू का धरना चल रहा है।
यहां कांग्रेस नेताओं ने पहुंचकर शनिवार को समर्थन का ऐलान कर दिया। खतौली शुगर मिल पर 11वें और मंसूरपुर मिल पर रालोद का धरना 25वें दिन भी जारी रहा। सर्वजातीय तिसंग बावना मंच ने रालोद को समर्थन दिया है। छपार क्षेत्र में भी किसानों का धरना-प्रदर्शन हुआ। किसानों ने जाम लगाने और घेराव की धमकी दी है।
रालोद का चक्का जाम आज
मेरठ। रालोद ने गन्ना आंदोलन के तहत रविवार को चक्का जाम का ऐलान किया है। वेस्ट यूपी प्रभारी सतबीर त्यागी ने बताया कि पश्चिम के सभी गन्ना बहुल जनपदों में दोपहर 12 से अपराह्न 3 बजे तक चक्का जाम होगा।
इससे सभी आपातकालीन सेवाओं और रेल यातायात को मुक्त रखा गया है। सतबीर त्यागी ने दावा किया कि आंदोलन में रालोद कार्यकर्ताओं के साथ किसान भी बड़ी संख्या में शामिल रहेंगे।
गुलरिया मिल कांड की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
बरेली। लखीमपुर-खीरी जिले की गुलरिया चीनी मिल पर शुक्रवार को हुए बवाल के बाद बरेली मंडल और खीरी जिले में शनिवार को भी कई जगह किसानों ने प्रदर्शन किया।
उधर, शनिवार को गुलरिया चीनी मिल प्रशासन की ओर से कांग्रेस नेत्री वैशाली अली समेत 10 नामजद और दर्जनों अन्य लोगों के खिलाफ बलवा, तोड़फोड़, मारपीट, जान से मारने की धमकी आदि के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है तो खुदकुशी करने वाले गन्ना किसान सत्यपाल के भाई की ओर से मिल मालिक, सुरक्षा अधिकारी और कुछ अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मारपीट करने, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान न करने, प्रताड़ित करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मिल पर पुलिस बल तैनात है और सीओ गोला वहां कैंप किए हुए हैं। जिलाधिकारी ने मिल पर हुए बवाल की जांच अपर जिलाधिकारी को सौंपी है।
मुरादाबाद में भी की आत्मदाह की कोशिश
मुरादाबाद। किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है। शनिवार को एक किसान ने पहले खेत में खड़ा गन्ना जलाया और फिर जलते गन्ने में आत्मदाह की कोशिश की। वह आग में कूद ही रहा था वहां मौजूद किसानों ने पकड़ लिया। किसी तरह समझा बुझाकर शांत कराया गया।
बिलारी तहसील क्षेत्र के गांव खनूपुरा निवासी रविंद्र सिंह चार बीघा जमीन का काश्तकार है। इस समय खेत में गन्ना खड़ा है। गन्ना काटकर गेहूं की बुआई करनी है। अब खेत तब खाली होगा जब चीनी मिलें पेराई सत्र शुरू करें।
बताया जाता है कि रविंद्र सिंह दोपहर में अचानक बेचैन हुआ और खेत पर पहुंच गया। उसने गन्ने के खेत में आग लगा दी। जब गन्ने से लपटें उठने लगीं तो रविंद्र आग की तरफ को छलांग लगाने की कोशिश करने लगा।