
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का निधन हो गया है। वे 95 साल के थे। सितम्बर में अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उनका घर पर ही इलाज किया जा रहा था।
नेल्सन मंडेला दुनिया के बेहतरीन राजनेताओं में शुमार किए जाते थे। उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेदी सरकार की जगह एक लोकतांत्रिक बहुनस्ली सरकार बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया और इसके लिए वे 27 साल तक जेल में रहे।
देश के पहले काले राष्ट्रपति का पद संभालते हुए उन्होंने कई अन्य संघर्षों में भी शांति बहाल करवाने में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्हें 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
‘खो दिया महान बेटा’
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब ज़ूमा ने देश के राष्ट्रीय टेलीविज़न चैनल पर एक बयान में कहा, ”हमारे राष्ट्र ने अपने सबसे महान बेटे को खो दिया है।”
उन्होंने कहा, ”दक्षिण अफ्रीका के साथियों, नेल्सन मंडेला ने हमें एकजुट किया और हम सब साथ मिलकर उन्हें विदाई देंगे। तब तक हमारा राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा।”
मंडेला के निधन पर दुनियाभर के मौजूदा और भूतपूर्व नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए हैं।
1918 में हुआ जन्म
नेल्सन मंडेला का जन्म 1918 में ईस्टर्न केप ऑफ़ साऊथ अफ़्रीका के एक छोटे से गांव में हुआ।
वो मदीबा कबीले से थे और दक्षिण अफ़्रीका में उन्हें अक्सर उनके कबीले के नाम यानी ‘मदीबा’ कहकर बुलाया जाता था।
उनके कबीले ने उनका नाम रोलिहलाहला दालिभंगा रखा था लेकिन उनके स्कूल के एक शिक्षक ने उनका अंग्रेज़ी नाम नेल्सन रखा।
उनके पिता थेंबू राज परिवार में सलाहकार थे और जब उनकी मृत्यु हुई तो नेल्सन मंडेला नौ साल के थे।
उनका बचपन थेंबू कबीले के मुखिया जोंगिनताबा दलिनदयाबो की देखरेख में बीता।
वो 1943 में अफ़्रीका नैशनल कांग्रेस से जुड़े, पहले एक कार्यकर्ता के तौर पर और फिर उसकी युवा शाखा के संस्थापक और अध्यक्ष के तौर पर।
और फिर सालों तक जेल में बंद रहने के बाद वो अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने।