अपने व्यवहार और बयानों के कारण लगातार मीडिया और जनता की आलोचना झेल रहे बिहार के मुख्यमंत्री इन दिनों लगातार अपने अनर्गल बयानों से अपनी मानसिक हताशा का सरेआम प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को पटना में एक डॉक्टर की हत्या को लेकर पत्रकारों के प्रश्न का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवादित बयान दिया है।
नीतीश ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में उल्टे सवाल पूछते हुए कहा कि हत्या को कोई रोक सकता है क्या? इस बयान पर बीजेपी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश के इस बयान से अपराधियों के हौसले बढेंगे। कई राजनीतिक विशलेषकों ने इसे मुख्यमंत्री की हताशा का परिणाम बताया है।
पटना शहर के राजेन्द्रनगर-बहादुरपुर इलाके में बदमाशों ने डाक्टर रजनीश रंजन की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी जब वे शनिवार देर शाम बाजार से पैदल ही घर(रामाकुंदन अपार्टमेंट) लौट रहे थे। अचानक कुछ बदमाशों ने बिलकुल उनकी पीठ पर आग्नेयास्त्र लगाकर गोली चला दी। गोली उनकी छाती को भेदती हुई आर-पार हो गई। जब तक आस पास लोग कुछ समझ पाते अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये। आनन-फानन में लोगों ने उन्हे पास के नोवेल अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मालूम हो कि बेहतर प्रशासन का वादा कर सता में आये नीतिश कुमार की प्रशासनिक दक्षता को इन दिनों जबर्दस्त चुनौती मिल रही है। हर दूसरे दिन 4-5 हत्या, बलात्कार और फर्जीवाड़े की खबरें अखबारों में आ रही है। पटना में सड़कों के हालात खराब है, ट्रैफिक व्यवस्था मृतप्राय है और लगातार होती सड़क हादसों में हर दिन तीन-चार लोगों की मौत हो रही है। हर घटना के बाद स्थानीय लोगों का प्रर्दशन, विरोध और आगजनी की खबरें अखबारों की सुर्खियाँ बन रही हैं।