जीत से उत्साहित ‘आप’ आम चुनाव में भी ठोकेगी ताल

दिल्ली में सबकौ चौंकाने वाली अप्रत्याशित सफलता के बाद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) अब लोकसभा चुनावों में उतरने की रणनीति बनाने में जुट गई है।

दिल्ली के बाद आप जहां हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपना संगठन और प्रभाव विस्तार करेगी, वहीं 2014 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों में भी आप अनेक राज्यों की सभी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।

पार्टी के भीतर इसे लेकर मंथन शुरु हो गया है। पार्टी में एक राय लोकसभा की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की भी बन रही है, जबकि कुछ नेता चाहते हैं पहले जमीनी हकीकत का अंदाज लगा लिया जाए तब यह फैसला किया जाए कि किन राज्यों में और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा जाए। आप केइस कदम से कांग्रेस-भाजपा के लिए लोकसभा चुनावों में भी बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है।

टीम केजरीवाल के हौंसले बुलंद 
यह जानकारी देने वाले सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से दिल्ली की जनता ने जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया है, उससे अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम का हौसला बेहद बढ़ गया है।

आप से जुड़े और केजरीवाल के करीबी एक सूत्र ने अमर उजाला को बताया कि दिल्ली पूरे देश का प्रतिनिधित्व करती है और यहां देश के हर क्षेत्र, जाति, भाषा और धर्म के लोग हैं।

आप को नहीं थी ऐसे नतीजों की उम्मीद
चुनाव के दौरान खुद आप के नेतृत्व को भी यह उम्मीद नहीं थी कि लोग पार्टी को कांग्रेस से तीन गुने से ज्यादा और भाजपा से मात्र तीन सीटों से कम के आंकड़े तक पहुंचा देंगे।

पार्टी अधिकतम अपनी सीटें एक दर्जन से डेढ़ दर्जन तक मानकर चल रही थी और विपक्ष में बैठकर जनता के उन मुद्दों को उठाने की तैयारी कर रही थी जिन्हें उसने अपने घोषणापत्र में शामिल किया है। लेकिन नतीजों के बाद आप के नेताओं और कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास बेहद बढ ग़या है।

2014 की तैयारियों पर मंथन
उन्हें देश के दूसरे हिस्सों से लगातार न सिर्फ बधाई के फोन आ रहे हैं, बल्कि लोग अपने अपने राज्यों में आप का विस्तार करने का आग्रह भी कर रहे हैं।

इसलिए पार्टी के उच्च स्तर पर यह विचार शुरु हो गया है कि एक तरफ दिल्ली में सरकार बनाने से दूर रहा जाए और दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव की तैयारी की जाए।

कराया जाएगा ऑनलाइन सर्वेक्षण
इसके लिए आप की टीम ऑनलाइन सर्वेक्षण के जरिए सबसे पहले उन चुनाव क्षेत्रों की पहचान करेगी जहां उसके लिए समर्थन जुटाना आसान है। फिर इन क्षेत्रों से चुनाव लडऩे के इच्छुक लोगों से ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे।

आवेदन करने वालों की छवि, लोकप्रियता और जनता के बीच उनकी पहचान का सर्वेक्षण के जरिए किया जाएगा। इस सर्वेक्षण में जो लोग खरे उतरेंगे, उन्हें उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव में अब महज पांच महीने ही हैं, इसलिए आप अपनी इस कवायद को जल्दी ही शुरु करेगी। पार्टी हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में यह काम पहले शुरु करेगी और जैसे-जैसे अन्य राज्यों से भी लोगों के अनुरोध आएंगे, उन राज्यों में भी चुनावी संभावनाएं टटोली जाएंगी।