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ये क्या कर रही है ‘आप’

arvind-kejriwal-521b1f05ae0b6_exlभारतीय राजनीति को आप (आम आदमी पार्टी) के झाडू से सफाई का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल इन दिनों सफाई करने के बजाये सफाई देने में जुटे हुए है। उनकी नवसृजित पार्टी पर गंभीर आरोप लग रहे है। ताजा मामला राजेश गर्ग नाम के एक शख्स को रोहिणी क्षेत्र से टिकट देने का है। राजेश पर गंभीर आरोप हैं कि वह आरटीआई की आड़ में बिल्डरों और धनी लोगों का एक्सटार्शन करता है। इसी आधार पर गर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज है और कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं।

आप की आधिकारिक वेबसाईट पर राजेश गर्ग के बारे में बिलकुल संक्षिप्त जानकारी दी गई है। राजेश गर्ग रोहिणीवाला (98*****424), प्रशांत विहार, दिल्ली-85। हालांकि वहाँ इस बात की तस्दीक की गई है कि ये रोहिणी के आरटीआई कार्यकर्ता हैं और काँग्रेस के साथ लंबे समय तक इनका जुड़ाव रहा है। इनकी पत्नी कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली नगर निगम का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। अब देखना है कि आगे कैसी कैसी सूचनाएँ सामने आती है और यह मामला क्या नया मोड़ लेता है।

इससे पहले टिकट बँटवारे के मामले में शाहदरा क्षेत्र से सुरेन्द्र शर्मा नाम के एक अधिवक्ता को  टिकट देना अरविंद के गले की हड्डी बना था। खबर लगते ही मीडिया ने अरविंद की जमकर खिंचाई की और शर्मा के खिलाफ दर्जनों आपराधिक मामलों का सच सामने लाया। बाद में अरविंद ने उनका नाम वापस ले लिया और नये प्रत्याशी बलबीर सिंह को सामने लाया गया।

लगातार हो रहे इन प्रकरणों से एक बात तो तय है कि आप की पालिटिकल अफेर कमिटी अत्यंत कमजोर है। जरूरत है कि अरविंद वक्त रहते इसे मजबूत करें और इसमें जानकार और अनुभवी लोगों को बिठायें।

माइनारिटी अपीसमेंट के मुद्दे ने भी आप के दामन पर दाग लगाये है। आरोप है कि आप प्रमुख अरविंद ने मुस्लिम धर्मगुरू तौकिर रजा खान से आप के समर्थन में प्रचार करने को कहा। यह खबर मीडिया में आते ही अरविंद पर चौतरफा हमला शुरू हो गया है। मालूम हो कि तौकिर रजा खान की पहचान एक कट्टर सांप्रदायिक शख्स की है। इत्तिहाते-ए-मिल्लत काउंसिल नाम की पार्टी का गठन तो तौकिर ने पहले ही किया था पर 2012 में इस दल ने पहली बार यूपी के एक सीट पर कब्जा किया है।

पुरे मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब बंगलादेश की मशहूर अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखिका तसलीमा नसरीन ने ट्वीट कर यह कहा कि यह वही तौकिर रजा है जिन्होनें 2007 में उनके(तसलीमा) का सर कलम करने का फतवा जारी किया था। आगे तसलीमा ने आप और अरविंद केजरीवाल पर सांप्रदायिक एवं गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया।

मुस्लिम वोटरों को लुभाने की यह कवायद अरविंद केजरीवाल की गंभीर राजनैतिक भूल साबित हो सकती है। अरविंद को समझना होगा की हर आरोप के बाद मीडिया की खनक उन्हें नाम नहीं बदनाम कर रही है। मात्र चुनावी सर्वेक्षणों में अपने आप को बढ़ते देख इस स्वयंभू पार्टी कहीं अपनी बुनियाद ही न खो दे। इसके पहले भी अरविंद के मंच से भारत माता के पोस्टर का गायब होना माइनोरिटी अपीसमेंट ही था, भले उसे तूल न दिया गया हो।

अमित सिन्हा

अमित सिन्हा अपने 6 वर्षों के अनुभव के साथ साथ द्विभाषी पत्रकार है. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस और अन्य मीडिया हाउस के साथ काम किया है और नियमित रूप से राजनीतिक खबर और अन्य मुद्दों पर लिखते रहते हैं .अमित सिन्हा बिहार में पटना में रहते है और एन से आर खबर के साथ अपने मिशन मैं शामिल हैं . आप इन्हें फेसबुक पर भी फालो कर सकते हैं https://www.facebook.com/indianxpress

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