दिसंबर के बाद चुने जाएंगे कांग्रेस प्रत्याशी
जबकि पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में ही डीसीसी की बैठक होनी थी। जिला कमेटियों की रिपोर्ट को पर्यवेक्षकों को अपनी संस्तुति कर भेजना था। लेकिन कई जिलों से ऐसा नहीं हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक यह स्थिति कांग्रेसियों की गुटबाजी से बनी है। कई जिलों में डीसीसी की ढंग से बैठक ही नहीं हुई। वहीं कई जिलों में पर्यवेक्षकों ने अपनी अलग ही ‘दुकान’ खोल ली थी।
इन लोगों ने डीसीसी की बैठक पर नजर रखने के बजाय खुद ही पैनल रिपोर्ट बनाकर भेज दी है। फिलहाल प्रदेश कांग्रेस ने जिलों से आई इन रिपोर्ट को उठाकर रख दिया है।
दिसंबर बाद ही प्रदेश स्तर की समिति के सामने इन रिपोर्ट को रखा जाएगा। इसके बाद प्रत्याशियों के नामों का पैनल केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा।
विधानसभा चुनाव में व्यस्त होने के कारण नौ नवंबर को होने वाली कांग्रेस की समीक्षा बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री नहीं आएंगे। हालांकि यह बैठक उन्हीं ने बुलाई थी।
इसमें राहुल गांधी की प्रदेश में हुई चार रैलियों की समीक्षा के अलावा आगे की रणनीति तय होनी थी। वहीं, प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व समीक्षा बैठक करने की बात कर रहा है। बैठक में जोनल प्रभारी व कोआर्डिनेटर बुलाएं गए हैं।
इस बैठक में पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए फीडबैक व खाद्य सुरक्षा कानून प्रदेश में लागू करवाने की मांग को लेकर 21 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम को सफल बनाने की रणनीति तय करेगी।