उमर बोले, मोदी को नजरअंदाज करना गलत
पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता का असर जम्मू-कश्मीर के सियासी दलों पर भी पड़ने लगा है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मोदी की लोकप्रियता के कायल है।
जम्मू में सचिवालय के कामकाज शुरू कराने की रसम अदायगी पर उमर बदले-बदले नजर आए।
उमर ने इशारों में अपने सहयोगी दल कांग्रेस को स्पष्ट कर दिया कि मोदी की लोकप्रियता को नकारना गलत साबित होगा।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मोदी असर का असली पता लोकसभा चुनाव के नतीजे आने पर ही चलेगा, क्योंकि मोदी की लहर नहीं।
कुछ लोग जरूर मोदी फैक्टर को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं। सोमवार को जम्मू में सरकार के दरबार का शुभारंभ करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब थे।
चुनाव का नतीजा बताएगा असल ताकत
बकौल उमर अब्दुल्ला भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की अग्निपरीक्षा लोकसभा चुनाव में ही होगी। यह बात दीगर है कि मोदी की वजह से भाजपा कैडर संगठित हुआ है।
सियासत में किसी भी नेता के कद, कामकाज और कर्म को हल्के से नहीं लेना चाहिए, यहीं सूत्र नरेंद्र मोदी के लिए भी लागू होता है।
अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उमर अब्दुल्ला ने तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को खारिज करते हुए उन्होंने इसमें नेकां के शामिल होने से इनकार किया।
उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट कर दिया कि सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की घटक दल है, भविष्य में भी यह गठबंधन हर हाल में जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि एनडीए में शामिल होने की गलती नेशनल कान्फ्रेंस दोबारा नहीं करेगी। कांग्रेस के साथ नेकां की कई मुद्दों पर विचारधारा मेल खाती है।
सीमा पार से पाकिस्तानी गोलीबारी पर उमर अब्दुल्ला का कहना था कि अब उन्हें स्थायी अमन बहाली की उम्मीद है। शायद पिछले दिनों बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजरों की बैठक में बनी सहमति के बाद अब दोबारा गोलीबारी न हो।
अलबत्ता गोलीबारी से प्रभावितों को जहां पर जरूरत महसूस की गई, मुआवजे आदि का भुगतान किया गया है। राज्य में सांप्रदायिक हिंसा पर अंकुश लगाने संबंधी विधेयक लाने के लिए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस पर आम राय बनाने का प्रयास करेंगे।
पहले सहयोगी दल कांग्रेस से विचार कर इसके समन्वय समिति को भेजेंगे। बाद में सभी दलों की सहमति के साथ ही इसे अमली जामा पहनाया जाएगा।
‘कश्मीर मसले के हल को आयरलैंड का सुझाव व्यक्तिगत’
उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर मसले के समाधान को आयरलैंड की तर्ज पर हल करने संबंधी सुझाव को व्यक्तिगत करार दिया। उन्होंने कहा कि हर सियासी दल का मसले कश्मीर के समाधान को अपना-अपना फॉर्मूला है। मसला वार्ता से ही हल होगा।
राज्य का अलगाववादी तबका भी अब यह स्वीकार कर चुका है। बावजूद इसके वह अलगाववादी तबके को पिछले पांच साल में वार्ता के लिए प्रेरित नहीं कर सके। हालांकि केंद्र सरकार इसके लिए तैयार है।
इसके अलावा जम्मू में दरबार खुलते ही उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के देश से विलय पर अपने स्टेंड पर यू टर्न लिया।
उन्होंने माना कि जम्मू कश्मीर का देश से विलय हो गया है, और रियासत देश का अभिन्न अंग है। इससे पूर्व उमर रियासत के देश से विलय को अधूरा बताते रहे हैं।