मध्यप्रदेश और मिजोरम के मतदाता सोमवार को उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला ईवीएम मशीन में बंद कर देंगे।
केंद्र की सत्ता के सेमीफाइनल मुकाबले माने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की दूसरी कड़ी में इन दो राज्यों के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
मध्य प्रदेश में जहां भाजपा के सामने जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है, वहीं पिछला विधानसभा चुनाव जोरशोर से जीतने वाली कांग्रेस के समक्ष मिजोरम में अपनी सत्ता बरकरार रखने की चुनौती है।
मिजोरम चुनावों की खास बात यह है कि यहां कि दस सीटों पर पहली बार वीवीपीएटी प्रणाली अपनाई जाएगी। इसके तहत मतदाताओं को मतदान करने के बाद पर्ची भी मिलेगी।
मध्यप्रदेश में भाजपा की उम्मीदें नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करिश्मे पर टिकी है। जबकि चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने युवा नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को परोक्ष तौर पर मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश किया है।
बहरहाल राज्य के 66 लाख से अधिक मतदाता सोमवार को 2586 उम्मीदवारों का भविष्य तय कर देंगे। मतदान के लिए 53,946 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 14,950� मतदान केंद्र को संवेदनशील घोषित किया गया है।
खासतौर पर नक्सल प्रभावित 60 सीटों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। उधर, 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समक्ष अपनी सत्ता बरकरार रखने की चुनौती है।
यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट के बीच है। चुनाव में 11� मंत्रियों सहित 142 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बीते चुनाव में कांग्रेस ने 32 सीटें हासिल कर जोरदार जीत हासिल की थी।