इस टीम में अखिलेश सरकार की योजना के तहत छात्रों को बांटे गए लैपटॉप से भी नरेंद्र मोदी के रैली की अपडेट होती दिखाई दी।
भाजपा के रैली स्थल पर मंच के दाहिनी ओर मीडिया सेल बनाया गया था। यहां पर आईटी प्रकोष्ठ की 25 सदस्यीय टीम लैपटॉप पर जुटी रही।
यह टीम मोदी की रैली की पल-पल की झलकियों को बीजेपी की सोशल साइट्स पर लगातार अपडेट कर रही थी।
इसके लिए पांच मेजों की कतार पर लैपटॉप लगाकर युवक काम कर रहे थे। कई स्थानों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से छात्रों को बांटे गए लैपटॉप भी मीडिया सेल की टेबिल पर रखे दिखे।
इन लैपटॉपों से नरेंद्र मोदी की रैली को कवर किया जा रहा था। हालांकि इसकी भनक लगते ही आनन फानन में कुछ लैपटॉपों के पृष्ठ पर अंकित मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुलायम सिंह की फोटो पर नरेंद्र मोदी की फोटो चस्पा कर दी गई।
जबकि कुछ लैपटॉप पर कवर चढ़ा दिए गए। मामले का खुलासा होने के बाद आईटी सेल के कार्यकर्ताओं में बेचैनी का माहौल दिखा।
हां, अखिलेश के लैपटॉप का इस्तेमाल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई ने स्वीकार किया कि रैली स्थल पर स्थित आईटी सेल में अखिलेश यादव द्वारा वितरित लैपटॉपों से काम हो रहा था।
प्रदेश अध्यक्ष ने बेझिझक लैपटॉप के प्रयोग की बात कही। यह भी कहा कि बहराइच व अन्य जनपदों के कार्यकर्ताओं को योजना के तहत लैपटॉप मिले। कार्यकर्ता होने के नाते युवकों ने लैपटॉप से रैली की अपडेटिंग नेट पर की है।
मामले की जांच होगी: सपा
राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि बहराइच रैली में भाजपा ने जिस तरह प्रदेश की सपा सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं को दिए गए लैपटॉप का दुरूपयोग किया है, वह अनैतिक और निंदनीय है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लैपटॉप बच्चों को पढ़ाई और दुनिया की हलचलों से वाकिफ होंने के लिए दिया था।
भाजपा ने बच्चों के लैपटॉप छीनकर अपनी पार्टी की रैली में प्रचार के लिए उनका गलत ढंग से प्रयोग किया।
लैपटॉप पर मुख्यमंत्री एवं मुलायम सिंह यादव के चित्रों की जगह नरेन्द्र मोदी का चित्र लगाना उचित नही ठहराया जा सकता है। इसकी जांच होगी और जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी।