मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) के जरिये देश भर के करीब 24 लाख लोगों से 2200 करोड़ रुपए से अधिक ठगने वाली कंपनी स्पीक एशिया के संस्थापक को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दबोच लिया है।
आरोपी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के गांव नगरपाल का निवासी राम सुमिरन पाल है।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र यादव के मुताबिक, डीसीपी कुमार ज्ञानेश और एससीपी सुरेश कौशिक की टीम को सूचना मिली कि राम सुमिरन पाल कनॉट प्लेस इलाके में प्रॉपर्टी के सिलसिले में आने वाला है।
सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने राम सुमिरन पाल को दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक, राम सुमिरन ने अपने भाई और एक दूसरे शख्स के साथ मिलकर स्पीक एशिया के अलावा कई एमएलएम कंपनियां बनाई।
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए सिंगापुर के अलावा ब्राजील और इटली में भी एडमेटरिक्स प्राइवेट लिमिटेड और सेवन रिंग्स इंटरनेशनल के नाम से कंपनी रजिस्टर्ड कराई।
28 माह में 24 लाख लोगों से 2276 करोड़ रुपए बटोरने के बाद कंपनी के अधिकारी फरार हो गए। ठगी के इस मामले में देश भर में दर्जनों एफआईआर दर्ज हुईं।
मुंबई आर्थिक अपराध शाखा ने स्पीक एशिया के करीब 210 बैंकों में जमा 142 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए। 150 बैंक खाते जांच के दायरे में आए। एमएलएम के नाम पर ठगी के इस सनसनीखेज मामले में पुलिस को राम सुमिरन के भाई राम निवास और मनोज नामक शख्स की तलाश है।
यह था काम करने का तरीका
स्पीक एशिया सिंगापुर की एक ऑनलाइन सर्वे कंपनी है। यह कंपनी एक सदस्य से सालाना रजिस्ट्रेशन के लिए 11 हजार रुपये लेती थी। कंपनी का दावा था कि वो कंटेंट डेवलपमेंट, ऑनलाइन सर्वे और मार्केटिंग के कारोबार में है।
ऑनलाइन सर्वे के बदले स्पीक एशिया के सदस्यों को 500 रुपए प्रति सर्वे दिया जाता था। महीने में कुल 8 सर्वे कराए जाते थे। यानी 3 महीने में 11 हजार रुपए वसूल हो जाते थे। इसमें पैसा लगाने वालों की संख्या भारत में 20 लाख के पार निकल गई थी।