‘सपा-भाजपा की मिलीभगत से हुए मुजफ्फरनगर दंगे’

mayawati-new-527f444070a2f_exlबसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को पार्टी संगठन और भाईचारा कमेटियों की समीक्षा बैठक में कई बड़े फैसले लिए।

लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहीं मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं से स्पष्ट कहा कि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और किसी भी कीमत पर यह पार्टी समझौता नहीं करेगी।

मायावती मुजफ्फरनगर और शामली दंगों पर भी बोलीं। उन्होंने कहा दंगे सपा और भाजपा की मिलीभगत का परिणाम है।

मिलीभगत है भाजपा और सपा की
इनकी मिलीभगत की वजह से ही दंगे के आरोपियों को कठोर सजा नहीं मिल पर रही है। उल्टे आरोपी सपा सरकार पर हावी होते नजर आ रहे हैं। जिससे लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही है।

मायावती ने कांग्रेस को घोर भ्रष्टाचारी और अहंकारी सरकार बताया और भाजपा को संकीर्ण और सांप्रादायिक सौहार्द पार्टी बताते हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि इन्हें अगले लोकसभा चुनावों में नहीं पनपने देना है।

उन्होंने कहा कि बसपा सभी सीटों पर अपने बूते चुनाव लड़ेगी। मायावती ने यह भी कहा, लोग कह रहे हैं कि मैं तीन महीने बाद लखनऊ आईं हूं।

बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है। मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, मुझे पूरा देश देखना है। हालांकि तब भी मेरा ध्यान यूपी पर ही फोकस रहता है क्योंकि यूपी से ही देश चलता है।

माया ने यह भी कहा कि दूसरी राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कितनी बार लखनऊ आते हैं? समीक्षा बैठक में मायावती ने बहराइच से त्रिभुवन दत्त का टिकट काटे जाने का भी इशारा किया।

त्रिभुवन दत्त के बारे में ऐसा कहा जा रहा है कि वह क्षेत्र में सक्रिय नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो यहां लोक सभा प्रत्याशी के तौर पर गोरखपुर के को-ऑर्डिनेटर विधायक विजय प्रताप का नाम सामने आ सकता है।

बताते चलें कि त्रिभुवन दत्त का नाम उस वक्त तय किया गया था जब इस क्षेत्र के लोक सभा प्रत्याशी रमेश कुमार गौतम को दुष्कर्म के आरोप में जेल भेज दिया गया था।

इसके अलावा मायावती ने सभी को-ऑर्डिनेटरों से विधानसभा वार सम्मेलन शुरू किए जाने के आदेश‌ दिए।

बताया जा रहा है कि लखनऊ में कुछ दिन रुकने के बाद मायावती चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के प्रचार को निकल जाएंगी।

उनका चुनावी दौरा छत्तीसगढ़ से शुरू होने की संभावना है। इस समीक्षा बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता व जोनल कोऑर्डिनेटर भी उपस्थित रहे।