तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को दिल्ली हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने तेजपाल की अग्रिम जमानत की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
इसके साथ ही कोर्ट ने तेजपाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 29 दिसंबर को होगी। गोवा पुलिस ने तेजपाल को समर्पण के लिए गुरुवार तक का समय दिया है।
वहीं, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि तेजपाल के मामले में पुलिस कानून के मुताबिक अपना काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि तेजपाल का यह आरोप बेबुनियाद है कि उन्हें भाजपा नेताओं के इशारे पर फंसाया जा रहा है। भाजपा का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
इससे पहले तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार ने गोवा पुलिस की एफआईआर की पुष्टि की। गोवा पुलिस उन्हें किसी भी समय गिरफ्तार कर सकती है।
पीड़िता के वकील श्याम केसवानी ने बताया, ‘तेजपाल के खिलाफ महिला पत्रकार अलग एफआईआर दर्ज नहीं कराएंगी। इसकी जरूरत भी नहीं है। पुलिस की एफआईआर के बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पीड़िता ने लिखित रूप से इस एफआईआर की पुष्टि कर दी है।’ पुष्टि करने से यहां मायने प्राथमिकी का समर्थन करने से है।
पणजी पहुंचने की पुष्टि
जांच अधिकारी सुनीता सावंत ने महिला पत्रकार के पणजी पहुंचने की पुष्टि की। पणजी में पीड़ित पत्रकार चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया।
पुलिस ने तेजपाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 376(2)(के) और 354 के तहत एफआईआर दर्ज की है।
इससे पहले तरुण के खिलाफ गोवा पुलिस ने ‘इमिग्रेशन चेक पोस्ट अलर्ट’ जारी कर दिया ताकि वह देश छोड़कर न भाग सकें।
तेजपाल के खिलाफ यह अलर्ट मुंबई में गोवा पुलिस की जांच टीम के सामने महिला पत्रकार के पेश होने के कुछ मिनट बाद ही जारी कर दिया गया।
‘केस वापस लेने का दबाव’
इससे पहले महिला पत्रकार की मां ने मंगलवार को पुलिस में केस वापस लेने का दबाव बनाने की लिखित में शिकायत दी।
शिकायत के मुताबिक तेजपाल की बेटी पीड़िता के घर जा धमकी और वहां मौजूद परिजनों से पूछा कि उनकी बेटी किसके दबाव में उसके पिता के खिलाफ ऐसा कर रही है। इस बात को टेबल पर आमने सामने बैठकर भी सुलझाया जा सकता है।
पीड़िता की मां ने पांडव नगर थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई। हालांकि परिजनों ने तेजपाल की बेटी पर धमकाने का आरोप नहीं लगाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
तरुण तेजपाल सहकर्मी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद से फरार हैं। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत की याचिका भी खारिज कर दी।