100 रुपए की दहलीज पर प्याज, सरकार डरी
बरसात के बाद प्याज की महंगाई थमने के बजाय बढ़ती जा रही है। हाल की बारिश के चलते नई फसल की प्याज बाजारों तक नहीं पहुंच रही है और बाकी कसर जमाखोरों ने पूरी कर दी है।
हालात यह है कि दिल्ली के खुदरा बाजारों में प्याज 80-90 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है।
प्याज की कीमतों में दोबारा आए उछाल ने सरकार की नींद उड़ा दी है। निर्यात पर पाबंदी और आयात के जरिए प्याज की महंगाई थामने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने प्याज की महंगाई के लिए जमाखोरों को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्यों को इन पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
उनका कहना है कि देश में प्याज की कमी नहीं है लेकिन जमाखोरी की वजह से किल्लत पैदा की जा रही है, जिससे दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।
हालांकि, केंद्र सरकार पिछले दो महीने से प्याज कीमतों में जल्द कमी आने का दावा करती आ रही है, लेकिन हाल की बारिश ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
दिल्ली ही नहीं महाराष्ट्र की प्याज मंडियों में भी आवक घटी है और प्याज के थोक भाव 55 रुपए किलो से ऊपर पहुंच गए हैं। मंगलवार को दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज 60-65 रुपए किलो तक पहुंच गया।
फुटकर में यह 80-90 रुपए किलो के बीच बेचा जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि अगर आपूर्ति नहीं सुधरी तो प्याज जल्द ही 100 रुपए किलो के पार जा सकता है।
उधर, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री केवी थॉमस ने 25 अक्टूबर को प्याज उत्पादक राज्यों की बैठक बुलाकर उत्पादन और आपूर्ति की समीक्षा करने का फैसला किया है।
उनका कहना है कि अच्छे दाम की उम्मीद में किसान प्याज की जमाखोरी कर रहे हैं। इस मामले पर वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के साथ बातचीत कर रहे हैं।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हाल की बारिश से नई फसल के प्याज की आपूर्ति बाधित हुई है। पुरानी प्याज के भंडार खत्म हो रहे हैं जबकि नई आवक करीब 50 फीसदी से भी कम है।