पिछले दिनों मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जिस तरह माहौल खराब हुआ और बरेली में भी उसकी आंच महसूस की जा रही थी, उसमें चमेली की बगिया मोहल्ले के लोगों की पहल एक मिसाल है।
थाना प्रेमनगर के बगिया मोहल्ले के राजीव कुमार और उनके जैसे अन्य हिंदू अपने उन 17 मुसलमान पड़ोसियों के लिए फ्रिकमंद हैं, जिन्हें पुलिस ने 2010 से दंगाई के तौर पर चिह्नित कर रखा है।
पुलिस भले ही इन मुसलमानों को धार्मिक स्थलों पर हमला करने जैसे आरोपों में जब तब पाबंद कर देती है लेकिन स्थानीय हिंदू इससे इत्तफाक नहीं रखते हैं। मामले में शपथ पत्र देकर उन्होंने कहा है कि ये दंगाई नहीं हैं और इन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
राजीव कुमार कहते हैं कि हम सब एक हैं और एक रहेंगे। यहां कभी कोई विवाद नहीं हुआ। पुलिस हमारे बीच नफरत पैदा करने की कोशिश में है। अमन पसंद लोगों पर सौहार्द बिगाड़ने की आशंका जताई जाती है।
कुछ ऐसा ही हरिहर प्रकाश भी मानते हैं वह कहते हैं कि हमारे यहां मुस्लिम होली खेलते हैं तो हिंदू ईद मनाते हैं। फिर भी यहां के लोगों को दंगाई बताया जा रहा है। सब चाहते हैं कि निर्दोष लोगों पर लगे मुकदमे खत्म हों।
बुधवार सुबह चमेली बगिया वासियों ने आपस में बैठक की। इसमें तय किया कि सब मिलकर बेवजह दंगे आरोपी बनाए गए सत्रह लोगों के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
बरेली जोन के आईजी आलोक शर्मा ने कहा कि पहले कोई झगड़ा नहीं हुआ। दोनों पक्ष खुशी से रह रहे हैं तो अच्छा है। मामले की जांच कराई जाएगी। यदि� बेकसूर हैं तो मदद की जाएगी।